Dr Nirmala GOD

19.03.1981

"...(निर्मला बहन को - बापदादा) जितनी भी महिमा करे उतनी कम है, ऐसे महिमा योग्य रतन हो। जैसा नाम है वैसे निर्मानचित के गुण से विजयी बनी हो। सहनशक्ति और सामना करने की शक्ति के आधार पर सर्व स्थानों को निर्विघ्न बनाया है। तो बापदादा प्रत्यक्षफल को देखकर बहुत खुश हैं। इसलिए सदा विशेष आत्माओं की लिस्ट में हो। सदा बाप की मदद मिलती रहती है और मिलती रहेगी। विशेष बच्ची के मस्तक पर सदा बाप का हाथ है। सदा यही चित्र अपने पास रखना। सर्व दैवी परिवार का भी स्नेह और सर्टीफिकेट है।..."

 

 

 

21.11.1984

"...आज बापदादा ने उड़ता योगी की विशषतायें सुनाई हैं। ऐसी विशेषता स्वरूप बच्चे सदा बाप के साथ हैं। सदा बाप की पालना में रह औरों को भी बाप की पालना का अनुभव कराते रहते हैं। निर्मल आश्रम (निर्मला बहन) यह भी बहुत हिम्मत और उत्साह से आगे बढ़ रही है और सदा शीतलता की विशेषता से विजयी रही है और अमर विजयी रत्न है। ..."

 

 

 

22.03.1986

"...देखो आप लोगों को निमित्त आत्मा भी ऐसी मिली है (निर्मला डाक्टर) जो शुरू से लेकर किसी भी विघ्न में नहीं आये। सदा न्यारे और प्यारे रहे हैं। थोड़ा सा स्ट्रिक्ट रहती। यह भी जरूरी है। अगर ऐसी स्ट्रिक्ट टीचर नहीं मिलती तो इतनी वृद्धि नहीं होती। यह आवश्यक भी होता है। जैसे कड़वी दवाई बीमारी के लिए जरूरी होती है ना। तो ड्रामा अनुसार निमित्त आत्माओं का भी संग तो लगता ही है और जैसे स्वयं आने से ही सेवा के निमित्त बन गये तो आस्ट्रेलिया में आने से सेन्टर खोलने की सेवा में लग जाते। यह त्याग की भावना का वायब्रेशन सारी आस्ट्रेलिया और जो भी सम्पर्क वाले स्थान हैं उनमें उसी रूप से वृद्धि हो रही है। तपस्या और त्याग जिसमें है - वही श्रेष्ठ आत्मा है। ..."

 

 

20.02.2001

"... नाम सोच रही है क्या? यह निर्मला, मोहनी नाम सोच रहे हैं ना! यहाँ पाण्डव देखो, भारत के पाण्डव कोई कम हैं, सुभानअल्ला हैं। यह देखो, कुछ-कुछ तो बैठे भी हैं। यह ब्रायन सामने बैठा है ना! (आस्ट्रेलिया के ब्रायन भाई से) गुलदस्ता तैयार करना है ना! बहुत अच्छे-अच्छे क्या नाम देते हो, एन. सी. ओ., अच्छा। फारेन के एन. सी. ओ. वाले हाथ उठाओ। एन. सी. ओ. बनना सहज नहीं है, कमाल करना पड़ेगा। कर सकते हैं कोई बड़ी बात नहीं है क्योंकि धरनी तैयार है। बीज भी पड़ा हुआ है सिर्फ पालना का पानी देना है। अभी बीज को पालना का पानी चाहिए। अच्छा। ..."