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Sakar Murli - 14.04.2020 | |
01 | शिवबाबा हमको समझाते हैं, यह बुद्धि में अच्छी तरह याद रहना चाहिए। मुझ आत्मा का कनेक्शन है परमात्मा के साथ। |
02 | वह कहते हैं मामेकम् याद करो। मुझ एक के साथ ही प्रीत रखो। रचना के साथ मत रखो। देही-अभिमानी बनो। |
03 | मेरे सिवाए और कोई देहधारी को याद करते हो, तो इसको कहा जाता है देह-अभिमान। |
04 | भल यह देहधारी तुम्हारे सामने है परन्तु तुम इनको नहीं देखो। बुद्धि में याद उनकी रहनी चाहिए। |
05 | बाप कहते हैं मूढ़मती जो होंगे वह देह को याद करते रहेंगे, देह से प्यार रखेंगे। |
06 | स्वच्छ बुद्धि जो होंगे वह तो अपने को आत्मा समझ परमात्मा को याद कर परमात्मा से सुनते रहेंगे, इसमें ही मेहनत है। |
07 | बाप को याद करने से ही तुम पावन बन जायेंगे। तो याद करना है एक को। |
08 | मुझे याद करने से ही पावन बनेंगे और कोई को याद किया तो सतोप्रधान बन नहीं सकेंगे। |
09 | बाप कितना समझाते हैं मुझ बाप को ही याद करो, इसमें ही मेहनत है। |
10 | बाकी याद की ही डिफीकल्ट ते डिफीकल्ट सब्जेक्ट है। |
11 | बाप के साथ योग रखने में कोई भी होशियार नहीं हैं। जो बच्चे याद में होशियार नहीं वह जैसे पण्डित हैं। ज्ञान में भल कितने भी होशियार हों, याद में नहीं रहते तो वह पण्डित हैं। बाबा पण्डित की एक कहानी सुनाते हैं ना। जिसको सुनाया वह तो परमात्मा को याद कर पार हो गया। पण्डित का दृष्टान्त भी तुम्हारे लिए है। बाप को तुम याद करो तो पार हो जायेंगे। |
12 | याद के सिवाए विकर्म विनाश नहीं होंगे। |
13 | एक ही बात पकड़ ली कि परमात्मा को याद करने से पार हो जायेंगे। सिर्फ ज्ञान होगा, योग नहीं तो ऊंच पद पा नहीं सकेंगे। ऐसे बहुत हैं, याद में नहीं रहते, मूल बात है ही याद की। |
14 | याद में कच्चा होगा तो तूफान आयेंगे। |
15 | बच्चों को याद की यात्रा का चार्ट बहुत शौक से रखना चाहिए। देखना चाहिए कि हम बाप को याद करते हैं या और कोई मित्र-सम्बन्धी आदि तरफ बुद्धि जाती है। सारे दिन में याद किसकी रही अथवा प्रीत किसके साथ रही, कितना टाइम वेस्ट किया? |
16 | बाप कहते हैं मामेकम् याद करो। मैं तो सभी आशिकों का माशूक हूँ। तो माशूक को याद करना चाहिए ना। माशूक बाप कहते हैं तुमने आधाकल्प याद किया है, अब मैं कहता हूँ मुझे याद करो तो विकर्म विनाश हो जाएं। ऐसा बाप जो सुख देने वाला है, कितना याद करना चाहिए। |
17 | बाप समझाते हैं अच्छी रीति याद करते रहेंगे तो अकाले मृत्यु नहीं होगी। |
18 | जैसे द्वापर और कलियुग है तो कलियुग को रौरव नर्क, तमोप्रधान कहा जाता है। द्वापर को इतना नहीं कहेंगे फिर तमोप्रधान से सतोप्रधान बनने के लिए याद चाहिए। |
19 | बाप को याद करने से ऊंच पद पा लेंगे। |
20 | याद का चार्ट शौक से रखना है, इसमें सुस्त नहीं बनना है।
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