प्रश्नः-

"वर्तमान समय" विश्व के लिए किस तरह महत्वपूर्ण है और इस समय की क्या बलिहारी है?

Note:-

अध्ययन के साथ-साथ आप इन गीतों का अन्नंद उठा सकते हैं ...

गीत:-तू प्यार का सागर है...

खुशियां ही खुशियां पायें तेरे प्यार में बाबा...


  • 16.01.1985 की अव्यक्त वाणी से...
  • "...सिर्फ बच्चों को यह दो शब्द याद रहें ‘‘भगवान और भाग्य’’
    • भाग्य अपने कर्मों के हिसाब से सभी को मिलता है।
    • द्वापर से अब तक आप आत्माओं को भी कर्म और भाग्य इस हिसाब किताब में आना पड़ता है
    • लेकिन
      • वर्तमान भाग्यवान युग में भगवान भाग्य देता है।
    • भाग्य के श्रेष्ठ लकीर खींचने की विधि ‘‘श्रेष्ठ कर्म रूपी कलम’’ आप बच्चों को दे देते हैं, जिससे जितनी श्रेष्ठ स्पष्ट, जन्म जन्मान्तर के भाग्य की लकीर खींचने चाहो उतनी खींच सकते हो।
  • और कोई समय को यह वरदान नहीं है।
    • इसी समय को यह वरदान है जो चाहो जितना चाहो उतना पा सकते हो।
      • क्यों?
      • भगवान भाग्य का भण्डारा बच्चों के लिए फराखदिली से, बिना मेहनत के दे रहा है।
      • खुला भण्डार है, ताला चाबी नहीं है।
      • और इतना भरपूर, अखुट है जो जितने चाहें, जितना चाहें ले सकते हैं।
      • बेहद का भरपूर भण्डारा है।
      • बापदादा सभी बच्चों को रोज यही स्मृति दिलाते रहते हैं कि जितना लेने चाहो उतना ले लो।
        • यथाशक्ति नहीं, लो बड़ी दिल से लो।
        • लेकिन खुले भण्डार से, भरपूर भण्डार से लो।
        • अगर कोई यथाशक्ति लेते हैं तो बाप क्या कहेंगे?
        • बाप भी साक्षी हो देख-देख हर्षाते रहते कि कैसे भोले-भाले बच्चे थोड़े में ही खुश हो जाते हैं।
          • क्यों?
          • 63 जन्म भक्तपन के संस्कार होने के कारण अभी भी सम्पन्न प्राप्ति के बजाए थोड़े को ही बहुत समझ उसी में राजी हो जाते हैं।..."

How many countries watching the Channel of BK Naresh Bhai?

Click to Know Brahma Kumaris Centre Near You

BK Naresh Bhai's present residence cum workplace