12.

फलदार पेड़ और गुणवान व्यक्ति ही झुकते हैं
सुखा पेड़ और मूर्ख व्यक्ति कभी नहीं झुकते।

 

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11.

मूर्खों से बहस करके

कोई बुद्धिमान नहीं कहला सकता

मूर्ख पर विजय प्राप्त करने का एक तरीका है

कि उसकी तरफ ध्यान ही नहीं दिया जाए

 

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10.

मूर्ख का सदा त्याग कर देना चाहिए

क्योंकि

वह पशु समान ही होता है

वह अपने शब्दों से उसी प्रकार कष्ट पहुंचाता है

जैसे न दिखाई देने वाला कांटा

पांव में घुसकर पीड़ा पहुंचाता है

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9.

मूर्ख व्यक्ति स्वयं को बुद्धिमान मानता है

लेकिन

बुद्धिमान व्यक्ति स्वयं को मूर्ख मानता है

 

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8.

किसी मूर्ख व्यक्ति के लिए

किताबें उतनी ही उपयोगी है

जितना कि

एक अंधे व्यक्ति के लिए आईना

 

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7.

मूर्ख को उपदेश करना मूर्खता ही है

उपदेश देने से वे और अधिक क्रूर हो जाते हैं

सांप को दूध पिलाने से उनका विष भी शांत नहीं होता है

अपितु दूध पिलाने से उनका विष बढ़ ही जाता है

 

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6.

मूर्ख व्यक्ति को

खुद में दोष दिखाई नहीं देता है

लेकिन

उसे दूसरों में दोष ही दोष दिखाई देते हैं

 

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5.

मूर्ख व्यक्ति दूसरों को बर्बाद करने की चाहत में

इतना अंधा हो जाता है कि

उसको खुद के बर्बाद होने का पता नहीं चलता

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4.

मूर्ख व्यक्ति के पांच लक्षण

1. अभिमानी होना
2. कटु वचन बोलना, गाली प्रदान करना
3. हट्ठी होना, अड़ियल होना
4. दुखी होना
5. दूसरों की कही हुई बात को नहीं मानना

 

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3.

मूर्ख व्यक्ति को पशु समझकर त्याग देना चाहिए

 

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2.

किसी मूर्ख व्यक्ति की पहचान

उसकी वाचालता से होती है

तथा बुद्धिमान व्यक्ति की पहचान

उसके मौन रहने से होती है

 

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1.

मूर्ख व्यक्ति हमेशा बोलना पसंद करता है

जबकि बुद्धिमान व्यक्ति

हमेशा मौन रहता है

क्योंकि उसे पता है कि

मूर्ख व्यक्ति उसकी जिद्द बच्चे समान है

जो सिर्फ अपनी जरूरतों के लिए रोता है