1969

"...मम्मा सभी बच्चों का हालचाल पूछ रही थी। मैंने कहा मम्मा आपने बाबा को भी बुला लिया। मम्मा बोली - मम्मा भी नहीं चाहती कि बच्चों से मात-पिता का साकारी साथ छूटे लेकिन ड्रामा।..."

 

21.01.1969

"...आपकी मम्मा आप सबको कहा करती थी कि निश्चय के जो भी आधार अब तक खड़े हैं वह सब आधार निकलने ही हैं और निकलते हुए भी उसकी नींव मजबूत है । अगर नींव मजबूत नहीं तो आधार की आवश्यकता है । आधार कौनसा? बाबा का आधार, संगठन का आधार, परिवार के नियमों का आधार नहीं छोड़ना ।..."

 

"...अभी बच्चों की पढ़ाई का समय बिल्कुल ही नजदीक है । यह तो हरेक मुरली में मम्मा के बाद ईशारा दिया है । क्या पेपर में तिथि तारीख बताया जाता है? जो पहले से ही बताया जाए उसको क्या पेपर कहेंगे? पेपर वह होता है जो अचानक होता है ।..."

 

02.02.1969

"... कईयों के मन में यह भी है ना कि ना मालूम जन्म होगा वा क्या होगा? जन्म होगा? जैसे आप की मम्मा का जन्म हुआ वैसे होगा? आप बच्चों का विवेक क्या कहता है? ड्रामा की भावी को देख सकते हो? थोड़ा-थोड़ा देख सकते हो? जब आप लोग सबको कहते हो कि हम त्रिकालदर्शी बाप के बच्चे हैं तो आने वाले काल को नहीं जानते हो? आपके मन के विवेक अनुसार क्या होना चाहिए? अव्यक्त स्थिति में स्थित होकर हाँ वा नाँ कहो? तो जवाब निकल आयेगा। ..."

 

02.02.1969

"...वतन में मम्मा को भी इमर्ज किया था। पता है क्या बात चली? जैसे साकार रूप में साकर वतन में मम्मा बोलती थी कि बाबा आप बैठे रहिये हम सभी काम कर लेंगे। इसी ही रीति से वतन में भी यही कहा कि हम सभी कार्य स्थापना के जो करने हैं वह करेंगे। आप बच्चों के साथ ही बच्चों को बहलाते रहिये। ऐसे ही साकार में कहती थी। वही वतन में रूह-रूहान चली। आप सभी के मन में तो होगा ही-कि हमारी मम्मा कहाँ गई। अभी यह राज इस समय स्पष्ट करने का नहीं है। कुछ समय के बाद सुनायेंगे कि वह कहाँ और क्या कर रही है। स्थापना के कार्य में भी मददगार है लेकिन भिन्न नाम रूप से। ..."

 

19.12.1978

"...सम्पन्नता का साक्षात्कार होने से कोई में संकल्प ही नहीं उठेगा कि यह भी यह नम्बर ले सकते हैं। अर्थात् रीस का पर्दा खत्म हो जायेगा और सम्पन्न हीरे चमकते हुए स्टेज पर प्रत्यक्ष हो जायेंगे। जैसे साकार में मम्मा बाबा की तरफ कोई की रीस नहीं हो सकती ना - ऐसे नम्बरवार इतने स्प्ष्ट होंगे जो कोई रीस कर हीं नहीं सके। ऐसे रायल फैमली अभी से ही रायल्टी में दिखाई देगी। अभी तो 8 नम्बर भी नहीं निकाल सकते ना! अभी फिर भी क्वेश्चन मार्क आ जाता है फिर फुलस्टाप आ जायेगा। अभी स्पष्ट रूप में 8 नम्बर निकालने में भी क्वेश्चन उठता है रखें ना रखें।..."

 

18.01.2004

"...जैसे आदि रत्नों को याद होगा कि जगत अम्बा माँ से सभी बच्चे अपना चित्र मांगते थे, मम्मा आप हमको चित्र दो हम कैसे हैं। तो बापदादा से भी रूहरिहान करते अपना चित्र मांगते हैं। आप सबकी भी दिल तो होती होगी कि हमको भी चित्र मिल जाए तो अच्छा है।..."

 

31.12.2006

"...देखो, बापदादा और आपकी मम्मा ने डायरेक्ट दिल्ली और बाम्बे की पालना की है। और जगह गये हैं तो थोड़ा-थोड़ा लेकिन दिल्ली और बाम्बे में डायरेक्ट बापदादा, माँ ने पालना दी है। ..."

 

02.02.2007

"...बैंगलोर की सेवा मम्मा ने शुरू की और दादी ह्दयपुष्पा और सुन्दरी बहन ने बहुत प्यार से सेवा की है) ह्दयपुष्पा बच्ची ने बहुत प्यार से सेवा की है। तो प्यार का सबूत देना है। जगदम्बा माँ की सेवा का रिटर्न करना है। ..."

 

31.12.2007

"...यू.पी. सिकीलधी है। क्यों सिकीलधी है? क्यों है सिकीलधी? मम्मा बाबा के ज्यादा चक्कर लगे हैं। जैसे बाम्बे, दिल्ली वैसे यू.पी. में भी चक्कर लगे हैं। यू.पी. में ब्रह्मा का यादगार है ना।..."

 

09.03.2009

"...आज वतन में मम्मा और दीदी और दादी त्रिमूर्ति को विशेष सभी के संगठन के बीच खड़ा किया और साथी तो थे लेकिन इन तीनों को विशेष पार्ट से खड़ा किया और इन्हों को याद दिलाया याद है भी। लेकिन इन्हों को गुप्त रूप में सेवा करनी पड़ती है। अमृतवेले यह भी वतन में इमर्ज होते हैं और सेवा पर जाते हैं। सेवा जो विशेष आत्मायें हैं उन्होंने छोडी नहीं है। वतन में अमृतवेले इन्हों का फिक्स है आना अपने असली ब्राह्मण जीवन में इमर्ज होना और चारों ओर कोई न कोई सेवा अर्थ मन्सा सेवा मन्सा से मन और बुद्धि द्वारा आत्माओं के मन और बुद्धि को आकर्षण करने की विशेष सेवा करते हैं। तो बापदादा ने आज इन त्रिमूर्ति से पूछा कि आप क्या कर रहे हो?..."

 

09.03.2009

"...हम दो प्रकार से प्रेरणा देते हैं एक हलचल मचाने वालों को भी और दूसरा नये सृष्टि के निमित्त बनने वालों को भी क्योंकि हम इन्तजार कर रहे हैं तो मम्मा ने कहा कि हमें तो बहुत टाइम हो गया है इन्तजार करते। तो हमारी सखियों से पूछना कि क्या अभी तक इन्तजार कराना है या कुछ इंतजाम करना है! तो मम्मा की या दादी दीदी की सखियां तो बहुत बैठी हैं सखे भी बैठे हैं। साथ रहने वाले भाई भी हैं बहिनें भी हैं तो उन्हों का प्रश्न है तो इन्तजार करना हमारा काम है आपका एडवांस स्टेज वालों का क्या पार्ट है? हम तो इन्तजार कर रहे हैं आपका काम है इन्तजाम करना। हमारा काम है इन्तजार करना। तो कब डेट फिक्स करेंगे? आप सब बाबा के बच्चे जब समान सम्पूर्ण बनेंगे तब इन्तजाम होगा। ..."

 

"...मम्मा के यह बोल कि सदा जो करना है सो आज करो कल पर नहीं छोडो ..."

 

25.10.2009

"...वास्तव में ब्राह्मणों की डिक्शनरी में कभी-कभी शब्द शोभता नहीं है, अभी-अभी, संकल्प किया करना ही है। देखेंगे, करेंगे, यह गे-गे का शब्द ही नहीं है। इसलिए आपकी मम्मा ने भी यही लक्ष्य रखा, याद दिलाने का कि अब नहीं तो कब नहीं।..."

 

19.02.2012

"...यू.पी. वाले आदि स्थापना से भाग्यवान हैं क्योंकि ब्रह्मा बाप और जगदम्बा जितना समय बच्चों से मिलने गये हैं, उतना औरों के पास सिवाए बाम्बे और दिल्ली के, नहीं गये हैं। तो लकी हैं जो ब्रह्मा बाप और जगदम्बा का पांव पड़ते बच्चों को स्नेह मिला है। डायरेक्ट ब्रह्मा बाप और जगदम्बा की पालना मिली है इसीलिए यू.पी. भाग्यवान है और बापदादा ने देखा कि सेवा की एक विशेषता है कि सेवाकेन्द्र भी अच्छे खोले हैं। कई कुमारियों को टीचर बनने का भाग्य मिला है इसलिए अनेक टीचर्स सेवा में लगी हुई हैं और साथ में आवाज भी फैलाया है।..."

 

03.04.2012

"...मधुबन वालों को दादी से प्यार था, यह दादी कहती थी मुझे पता है। तो प्यार के रिटर्न में मैं यही चाहती हूँ कि जैसे मम्मा ने लक्ष्य रखा बाबा ने कहा मम्मा ने किया, यह तो मधुबन वाले जानते ही हैं। ऐसे ही अमृतवेले से लेके रात तक हर एक मधुबन वाले अगर बाबा के साथ मेरे से भी प्यार है, दादियों से भी प्यार है, तो जैसे मम्मा ने बाप की हर राय जीवन में लाई, ऐसे हमने भी लाई। तो अगर दादियों से प्यार है, तो यही करके दिखायें, सवेरे से रात तक ऐसा कोई संकल्प बोल कर्म नहीं लावें जो दादियों को या बाप को या किसी को भी पसन्द नहीं हो। यह हमारा सन्देश खास मधुबन वालों को देना।..." "...बापदादा की यही श्रीमत है कि अब बेफिक्र बादशाह बन सदा जैसे आपकी जगदम्बा ने पुरूषार्थ किया, बाप का कहना और जगत अम्बा का करना। ऐसे जगत अम्बा को फॉलो करो। ..."

 

"... BapDada's shrimat is that now become a carefree emperor and just as your Jagadamba made effort, the Father's words and Jagadamba's doing. Follow Jagadamba like this. ..."

 

 

03.11.2015

"...चाहे जगदम्बा, चाहे कोई कार्य के निमित्त कोई बच्चा भी है, तो भी हर एक बढ़ सकता है और बढ़ रहा है। बापदादा को खुशी है कि हर एक बच्चा आगे बढ़ रहा है। जितनी भी ताकत है उतना अच्छा पार्ट बजा रहे हैं। ..."

 

10.04.2017

"...अभी विशेष ब्रह्मा बाबा और जगदम्बा को देखा कि स्वयं आदि देव होते शान्ति की शक्ति का कितना गुप्त पुरूषार्थ किया। आपकी दादी ने कर्मातीत बनने के लिए इसी बात को कितना पक्का किया। जिम्मेवारी होते, सेवा का प्लैन बनाते, (खांसी बार-बार आ रही है) बाजा कितना भी खराब हो लेकिन बापदादा का प्यार है! तो सेवा की जिम्मेवारी कितनी भी बड़ी हो लेकिन सेवा के सफलता का प्रत्यक्ष फल शान्ति की शक्ति के बिना, जितना चाहते हैं उतना नहीं निकल सकता क्योंकि अपने लिए भी सारे कल्प की प्रालब्ध को तभी बना सकते हैं। इसके लिए अभी हर एक को स्व के प्रति, सारे कल्प की प्रालब्ध राज्य की और पूज्य की इकठ्ठा करने के लिए अभी समय है क्योंकि समय नाजुक आना ही है। ऐसे समय पर शान्ति की शक्तियों द्वारा टचिंग पावर कैचिंग पावर बहुत आवश्यक होगी। ऐसा समय आयेगा जो यह साधन कुछ नहीं कर सकेंगे, सिर्फ आध्यात्मिक बल, बापदादा के डायरेक्शन्स की टचिंग कार्य करा सकेगी। तो अपने में चेक करो - बापदादा की ऐसे समय में मन और बुद्धि में टचिंग आ सकेगी? इसमें बहुतकाल का अभ्यास चाहिए, इसका साधन है मन बुद्धि सदा ही कभी कभी नहीं, सदा क्लीन और क्लीयर चाहिए।..."