1.


जरा सोचिए भगवान ने हमें किसलिए अपनाया है, वह हमें क्या बनाना चाहते हैं ? ...विश्वपति?

“...ताज, तख़्त और तिलक।

फिर इन तीनों को धारण करने की हिम्मत है?

ताज को धारण करने लिए तख़्त पर विराज़मान होने के लिए और

तिलक को धारण करने के लिए क्या करना पड़ेगा?

अगर यह धारण करने की हिम्मत है तो उसके लिए क्या करना पड़ेगा?

एक तो त्याग, दूसरा तपस्या और सेवा।

तिलक को धारण करने के लिए तपस्या और

ताज को धारण करने के लिए त्याग और

तख़्त पर विराज़मान होने के लिए जितनी सेवा करेंगे उतना अब भी तख़्त नशीन और भविष्य में भी तख़्त नशीन बनेंगे।...

अगर एक भी धारणा कम है तो फिर विश्वपति नहीं बन सकेंगे

Ref:-

1970/ 11.06.1970
“विश्वपति बनने की सामग्री”

 

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