• 11.07.1970

  • "...सम्पूर्ण फ़रिश्ता वा अव्यक्त फ़रिश्ता।
      • यह है संगमयुग की डिग्री।
      • और दैवीपद है भविष्य की प्रालब्ध।
      • तो अब की डिग्री है सम्पूर्ण अव्यक्त फ़रिश्ता।
        • इस डिग्री की मुख्य क्वालिफिकेशन कौन-कौन सी हैं और कहाँ तक हरेक स्टूडेंट इसमें क्वालिफाइड बना है।
          • यह देख रहे हैं।
          • जितना क्वालिफाइड होगा उतना ही औरों को भी क्वालिफाइड बनाएगा।
          • क्वालिफाइड जो होगा वही बनाएगा क्वालिटी।
          • और जो नहीं होगा वह बनाएगा क्वांटिटी।
          • तो आज सभी की क्वालिटीज़ देख रहे हैं।
            • देखा जाता है ना कि किन-किन क्वालिटीज़ में क्वालिफाइड हैं।
            • तो यहाँ मुख्य क्वालिटीज़ में एक तो देख रहे हैं कि कहाँ तक नॉलेजफुल बने हैं।
            • "नॉलेजफुल" के साथ "फैथफुल",
            • "सक्सेसफुल",
            • "पावरफुल",
            • और "सर्विसएबुल" कहाँ तक बने हैं।
            • इतनी क्वालिटीज़ अगर सभी में आ जाएँ तो फिर डिग्री मिल जाएगी।
            • तो हरेक को यह देखना है कि इन क्वालिटीज़ में कौन-कौन सी क्वालिटीज़ धारण हुई हैं। ..."

web counter