06.03.2024

1.

भगवान् की भी पहचान चाहिए। नाम कितना बड़ा है भगवान् और फिर कहते हैं नाम रूप से न्यारा।

 

2.

शिवबाबा इस भारत को शिवालय बनाते हैं, तो बच्चों को भी पुरूषार्थ करना चाहिए।

 

3.

पढ़ाई में तो एकान्त चाहिए। सुबह को कितनी शान्ति रहती है।

 

4.

बच्चों को बहुत पुरूषार्थ करना चाहिए। सबको पैगाम देना है।

 

5.

बाप जो इतना सुख देते हैं तो उनकी श्रीमत पर चलना चाहिए।

 

05.03.2024

1.

भगवान् से मिलने के लिए बहुत खुशी होनी चाहिए

 

2.

कोई तो कागज़ लिखकर फालतू फेंक देते हैं। यह भी अन्दर में समझ होनी चाहिए कि मैं लिखता हूँ फिर वह काम में आता है। लिखकर फेंक दिया तो उससे क्या फायदा।

 

3.

अभी शरीर में मोह है तो डॉक्टर आदि को बुलाते हैं। तुमको तो खुशी रहनी चाहिए हम जाते हैं बाबा के पास।

 

4.

वहाँ तो आत्मा और शरीर दोनों ही बड़े तन्दुरूस्त होते हैं। दु:ख का नाम नहीं रहता। तो बच्चों को कितना पुरूषार्थ करना चाहिए।

 

5.

स्वर्ग में तो शरीर भी फर्स्टक्लास, महल भी फर्स्टक्लास मिलेंगे। दु:ख की बात ही नहीं। कैसा बना हुआ खेल है। यह तो चिंतन में आना चाहिए ना।

 

04.03.2024

1.

तुम कितने ऊंच कुल के रॉयल स्टूडेन्ट हो तो रॉयल स्टूडेन्ट की चलन भी रॉयल चाहिए तब ही बाप का शो करेंगे।

 

2.

बच्चों को सदैव यह नशा रहना चाहिए कि हम कितने रॉयल स्टूडेन्ट हैं।

 

3.

बच्चे समझते हैं पढ़ाई में खास पुरूषार्थ जरूर चाहिए

 

4.

जो अच्छे बच्चे हैं उनको फालो करना चाहिए

 

5.

कई बच्चे सोचते हैं फलाना ऐसे चला गया, शायद हम भी चले जायें। लेकिन उसे देख फिर पुरूषार्थ करना चाहिए ना।

 

6.

अब यह 84 का चक्र पूरा होता है, फिर शुरू होगा। यह भी खुशी होनी चाहिए।

 

7.

तुम बहुत अच्छी रीति मिनिस्टर आदि को भी समझा सकते हो। समझाना ऐसा चाहिए जो उनको पानी-पानी कर देना चाहिए।

 

8.

बाबा कहते हैं देहली में सेवा का घेराव डालो, विस्तार करो। परन्तु अभी तक किसी को घायल किया नहीं है, घायल करने में योगबल चाहिए।

 

9.

तुम बच्चे योग से अपने को पवित्र बनाते हो। तो योगबल बहुत चाहिए। उसकी बहुत कमी है। अन्दर खुशी में नाचना चाहिए, यह खुशी का डांस है।

 

10.

ज्ञान से अशरीरी होना है, इसमें गुम होने की बात नहीं, बुद्धि में ज्ञान चाहिए। अब घर जाना है फिर राजाई में आयेंगे।

 

11.

शरीर में भी कोई ममत्व नहीं रहना चाहिए। इस शरीर से, इस दुनिया से उपराम रहना चाहिए।

 

12.

आत्मा को यह शरीर मिला है, उसमें किसका नाम मेल का, किसका फीमेल का पड़ा है। इनसे परे बाकी आत्मा है। सोचना चाहिए - बाबा जो रास्ता बताते हैं वह बरोबर ठीक है।