02.11.2021
- यह कभी भूलो मत कि हम ब्राह्मण हैं, देवता बनने वाले हैं।
- तुम भी घड़ी-घड़ी भूल जाते हो।
याद है बड़ी सहज।
- ब्राह्मण कब अपनी जाति को भूलते हैं क्या?
- तुम शूद्रों के संग में आने से ब्राह्मणपना भूल जाते हो।
- अभी...
- अभी बचपन की भूलें,
- अलबेलेपन की भूलें,
- आलस्य की भूलें,
- बेपरवाही की भूलें
- जो रही हुई हैं - उन्हें भूल कर अपने पावरफुल, शक्ति-स्वरूप, शस्त्रधारी स्वरूप, सदा जागती ज्योति स्वरूप को प्रत्यक्ष करो।
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