जो किसके अन्दर में जो बात होगी वह पहले से ही आप को मालूम पड़ेगा।
इसलिए प्रैक्टिस करा रहे हैं।
जितना-जितना अव्यक्त स्थिति में स्थित होंगे, कोई मुख से बोले न बोले लेकिन उनके अन्दर का भाव पहले से ही जान लेंगे।
ऐसा समय आयेगा।
इसलिए यह प्रैविटस कराते हैं।