POINTS OF YAAD FROM MURLI - 29.05.2018


1.

बलिहारी तो शिवबाबा की है। वह अगर नहीं होता तो इनकी महिमा कैसे होती। शिवबाबा की याद से ही इतना ऊंच मर्तबा मिलता है। वह है ऊंचे ते ऊंच भगवान। रहते भी हैं परमधाम में।

 

2.

भक्ति मार्ग में जन्म-जन्मान्तर गाते आये हो - तुम पर बलिहार जाऊं, तुमको ही याद करेंगे।

 

3.

बाबा तो बहुत अच्छी रीति समझाते रहते हैं। कोई-कोई बच्चे पूछते हैं - बाबा, योग कैसे लगायें? लक्ष्य तो दिया हुआ है। वर्सा दादे से तुमको लेना है।

 

4.

शिवबाबा की याद से खुशबूदार फूल बनना और बनाना है।