Lucky Kushnaseeb
Lucky Kushnaseeb

साथ तुम्हारा प्रभु कितना है प्यारा...


19.04.1971



"...ब्रह्मा की स्थापना का कार्य

तो चल ही रहा है।

ईश्वरीय पालना का

कर्त्तव्य भी चल ही रहा है।

अब लाइट में तपस्या द्वारा

अपने विकर्मों और

हर आत्मा के तमोगुण

और प्रकृति के तमोगुणी

संस्कारों को भस्म करने का

कर्त्तव्य चलना है।

अब समझा कि कौनसे

कर्त्तव्य का अभी समय है?

तपस्या द्वारा

तमोगुण को भस्म करने का।

जैसे अपने चित्रों में

शंकर का रूप

विनाशकारी अर्थात् तपस्वी रूप

दिखाते हैं,

ऐसे एकरस स्थिति के

आसन पर स्थित हो

तपस्वी रूप अपना

प्रत्यक्ष दिखाओ।..."

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