तेरे प्रकाश की किरणें बाबा सच्चा पथ दिखलाती हैं...

वर्तमान महाभारत में

भगवान ने दिया

रूहानी योद्धाओं को तलवार का ज्ञान


यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत।

अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ॥४-७॥

 


28.12.2020
जब तुम अपने को आत्मा समझ

करके आत्मा को ज्ञान देंगे तो

तुम्हारी ज्ञान तलवार में जौहर रहेगा।

मेहनत तो है ना।



आत्मा में ज्ञान है, शरीर में नहीं है।

तो उनको भी आत्मा समझ करके

ही ज्ञान देना है।

इससे उनको भी अच्छा लगेगा।

जैसेकि यह जौहर है तुम्हारे मुख में।

इस ज्ञान की तलवार में जौहर

भर जायेगा क्योंकि देही-अभिमानी

होते हो ना।

तो यह भी प्रैक्टिस करके देखो।


21.11.2020


तुम हो शिव शक्तियाँ।

तुम्हारे पास है ज्ञान कटारी, ज्ञान बाण।
उन्होंने फिर भक्ति मार्ग में

देवियों को स्थूल बाण खड़ग आदि दे दी है।
बाप कहते हैं ज्ञान तलवार से

विकारों को जीतना है,

बाकी देवियाँ कोई हिंसक थोड़ेही हैं।
यह सब है भक्ति मार्ग।

 

 


ज्ञान तलवार से विकारों को जीतना है।

23.11.2020


तुम हो गुप्त वारियर्स।
वारियर्स नाम सुनकर देवियों को

फिर तलवार बाण आदि दे दिये हैं।
तुम वारियर्स हो योगबल के।
योगबल से विश्व के मालिक बनते हो।

27.11.2020


याद से बल मिलता है ना।
बाप है ही - जौहरदार तलवार।
तुम बच्चों को जौहर भरना है।
योगबल से विश्व की बादशाही पाते हो।
योग से बल मिलता है, ज्ञान से नहीं।

19.10.2020


तुम्हारा ज्ञान और योग सारा गुप्त है।
स्थूल हथियार आदि कुछ नहीं हैं।
बाप समझाते हैं यह है ज्ञान तलवार।
उन्होंने फिर स्थूल हथियार

निशानियाँ देवियों को दे दी हैं।
शास्त्र आदि जो पढ़ते हैं वो लोग

कभी ऐसे नहीं कहते कि यह

ज्ञान तलवार है, यह ज्ञान खड़ग है।

 

 


10.09.2020


भल वाणी तो बहुत अच्छी-अच्छी चलाते हैं।
परन्तु याद का जौहर नहीं तो

वह ताकत नहीं रहती है।
जौहरदार तलवार नहीं।

11.09.2020


तुम बच्चे जब योग में मज़बूत हो

जायेंगे तो फिर तुम्हारा प्रभाव निकलेगा।
अभी अजुन वह जौहर नहीं है।

याद से शक्ति मिलती है।
पढ़ाई से शक्ति नहीं मिलती है।
ज्ञान तलवार है,

उसमें याद का जौहर भरना है।

वह शक्ति कम है।
बाप रोज़ कहते रहते हैं - बच्चे,

याद की यात्रा में रहने से

तुमको ताकत मिलेगी।
पढ़ाई में इतनी ताकत नहीं है।
याद से तुम सारे विश्व के मालिक बनते हो।


03.08.2020
ऐसे नहीं बाबा ज्ञान का सागर है,

हमने भी ज्ञान उठाया है,

बहुतों को समझाते हैं परन्तु

याद का जौहर भी चाहिए।

ज्ञान की तलवार है।

याद की फिर यात्रा है।

दोनों अलग चीज़ हैं।

 

 

ज्ञान में याद की यात्रा का जौहर चाहिए।

वह नहीं है तो काठ की तलवार हो जाती है।

सिक्ख लोग तलवार का कितना मान रखते हैं।

वह तो हिंसक थी, जिससे लड़ाई की।

 

 

वास्तव में गुरू लोग लड़ाई थोड़ेही कर सकते हैं।

गुरू तो अहिंसक चाहिए ना।

लड़ाई से थोड़ेही सद्गति होती है।

तुम्हारी तो है योग की बात।

याद के बल बिगर ज्ञान तलवार काम नहीं करेगी।

बाबा कहते हैं याद की यात्रा में कच्चे हो

इसलिए ज्ञान तलवार काम नहीं करती है।


08.07.2020


बाबा का बनकर बहुत विकर्म किये हैं

तो उसकी मुरली में जौहर भर न सके।

यह ज्ञान तलवार है।

उसमें याद बल का जौहर चाहिए।

योगबल से तुम विश्व पर विजय

प्राप्त करते हो, बाकी ज्ञान से

नई दुनिया में ऊंच पद पायेंगे।

11.07.2020


याद में अच्छे-अच्छे महारथी भी फेल हैं।

याद का जौहर नहीं होगा तो

ज्ञान तलवार चलेगी नहीं।

बहुत याद करें तब जौहर आये।

 

 

 

 

 

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