बच्चों को अव्यक्त करने...

जरा याद करें बाबा को

ऐसा प्यारा बाबा जो

मनुष्य से श्रेष्ठ देवपद

प्राप्त कराने वाले

फिर अगले कल्प

5000 वर्ष के लिए

विदाई ले लेंगे...

 

13.12.1990

"...ब्रह्मा बाप ने

अव्यक्त होते भी

व्यक्त में क्यों पार्ट बजाया?

समान बनाने के लिए।

 

 

ब्रह्मा बाप अव्यक्त से

व्यक्त में आये,

तो बच्चों को रिटर्न में

क्या करना है?

व्यक्त से अव्यक्त बनना है।

 

 

समय प्रमाण

अव्यक्त मिलन,

अव्यक्त रूप से सेवा

अभी अति आवश्यक है।

 

 

इसलिए समय प्रति समय

बापदादा अव्यक्त मिलन की

अनुभूति का इशारा देते रहते हैं।

 

 

इसके लिए

तपस्या वर्ष भी मना रहे हो ना।

बापदादा को हर्ष है कि

मैजारिटी बच्चों को

उमंग-उत्साह अच्छा है।

 

 

मैनारिटी ऐसा सोचते हैं कि

प्रोग्राम प्रमाण करना ही है।

एक है प्रोग्राम से करना

और दूसरा है दिल के

उमंग-उत्साह से करना।

हर एक अपने से पूछे

मैं किसमें हूँ?..."

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