02.02.1969

"...अभी तो सूक्ष्मवतन में ही अव्यक्त रूप से स्थापना का कार्य चलता रहेगा।

जब तक स्थापना का कार्य समाप्त नहीं हुआ है तब तक बिना कार्य सफल किये हुए घर नहीं लौटेंगे, साथ ही चलेंगे और फिर चलने के बाद क्या करेंगे?

मालूम है - क्या करेंगे?

साथ चलेंगे और साथ रहेंगे।..."