01-12-2022 प्रात:मुरली ओम् शान्ति "बापदादा" मधुबन
मीठे बच्चे - योगेश्वर बाप आये हैं तुम्हें राजयोग सिखलाने, इस योग से ही तुम विकर्माजीत बन भविष्य में विश्व महाराजा-महारानी बनते हो
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प्रश्नः-
विकर्मों से बचने के लिए कौन सी प्रतिज्ञा याद रखो?
उत्तर:-
मेरा तो एक शिवबाबा दूसरा न कोई।
एक बाप से सच्चा रूहानी लव रखना है।
यह प्रतिज्ञा याद रहे तो विकर्म नहीं होगा।
माया देह-अभिमान में लाकर उल्टा कर्म कराती है।
बाबा उस्ताद है, उसे याद कर माया से पूरी युद्ध करो तो हार नहीं हो सकती।
प्रश्नः-
अपने बच्चों प्रति बाप की कौन सी आश है?
उत्तर:-
जैसे लौकिक बाप चाहते हैं मैं बच्चों को ऊंच पढ़ाऊं, बेहद का बाप भी कहते हैं मैं अपने बच्चों को स्वर्ग की परी बना दूँ।
बच्चे सिर्फ मेरी श्रीमत पर चले तो श्रेष्ठ बन जायें।
गीत:- तकदीर जगाकर आई हूँ.....
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- ओम् शान्ति।
- मीठे-मीठे बच्चे जानते हैं हम अपनी नई तकदीर बनाने यहाँ आये हैं।
- किसके पास?
- योगेश्वर के पास, सिखलाने वाले ईश्वर के पास।
- इसको कहते हैं राजयोग।
- ईश्वर योग सिखलाते हैं, कौन सा योग?
- हठयोग तो अनेक प्रकार का है।
- यह जिस्मानी योग नहीं है।
- संन्यासियों का तत्व योग, ब्रह्म योग है।
- उनको ईश्वर योग नहीं सिखाते।
- तुम बच्चे जानते हो परमपिता परमात्मा हमको फिर से कल्प पहले मुआफिक राजयोग सिखलाते हैं।
- संन्यासी ऐसे कभी नहीं कहेंगे।
- यह योग कल्प पहले भी सिखाया था और अभी भी सिखला रहा हूँ।
- तुम बच्चे कह सकते हो, वह हठयोगी राजयोग सिखला नहीं सकते हैं।
- हमको सिखलाने वाला शिवबाबा है, जिसको योगेश्वर कहा जाता है।
- मनुष्य भूल से श्रीकृष्ण को योगेश्वर कह देते हैं।
- श्रीकृष्ण सतयुग का प्रिन्स है, वहाँ योग की बात ही नहीं।
- यह बहुत अच्छी प्वाइंट है, समझाने की तरकीब सीखो।
- युक्ति से समझाया जाता है।
- तुम्हारा सारा मदार योग पर है, जितना योग में रहेंगे उतना विकर्माजीत बनेंगे।
- भारत का प्राचीन योग बहुत गाया हुआ है।
- यह राजयोग परमपिता परमात्मा के सिवाए कोई सिखला न सके, इसलिए इनका नाम योगेश्वर है।
- ईश्वर ही राजयोग सिखलाते हैं।
- किसके लिए राजयोग सिखलाते हैं?
- क्या भारत को राजाई देते हैं?
- नहीं, सिर्फ भारत की बात नहीं।
- तुम बच्चों को सारे विश्व का मालिक बनाने के लिए राजयोग सिखलाते हैं।
- यह एम आब्जेक्ट क्लीयर है।
- भल राजाई कोई टुकड़े पर करेंगे, विश्व में तो नहीं करेंगे परन्तु कहने में आता है विश्व का मालिक।
- तुम बच्चे जानते हो नई दुनिया के लिए हम तकदीर बनाकर आये हैं।
- सारी विश्व नई बन जाती है।
- कैपीटल भारत है।
- तुम्हारे नये विश्व में भी कैपीटल देहली होगी।
- उनका नाम गाया हुआ है परिस्तान।
- तुम हो ज्ञान परियां।
- ज्ञान सागर में गोता खाकर मनुष्य से बदल स्वर्ग की परियां बन जाते हो।
- यह मान सरोवर है ना।
- कहते हैं वहाँ स्नान करने से मनुष्य परी बन जाते हैं।
- तुम यहाँ आये हो स्वर्ग की परियां बनने के लिए।
- तुम बादशाही लेते हो।
- तुम्हारे पास जेवर आदि ढेर होंगे।
- तुम कहेंगे हम राजयोग सीखते हैं, जिससे हम भविष्य में महाराजा महारानी बनेंगे।
- परन्तु अगर श्रीमत पर अच्छी रीति चलेंगे तो।
- ऐसे मत समझना कि प्रजा में जाने वाले को परी कहेंगे, नहीं।
- श्रीमत पर दैवीगुण धारण करने हैं।
- लौकिक बाप का बच्चों में मोह होता है तो कहते हैं बच्चों को ऊंच पढ़ाऊं।
- यह बाप भी कहते हैं इन्हों को एकदम स्वर्ग की परी बना दूँ। श्रीमत पर जितना चलेंगे उतना श्रेष्ठ बनेंगे।
- कोई भी तकलीफ नहीं है।
- साहूकारों को सुनने की फुर्सत नहीं मिलती, सिर्फ गरीबों को फुर्सत मिलती है।
- तुम्हारे जितनी फुर्सत किसको नहीं है, जिनको लफड़े ज्यादा हैं, उनका योग लग नहीं सकता।
- आज बाबा बच्ची से पूछ रहा था कि तुम जानती हो कि हम किसके रथ की सेवा कर रहे हैं।
- घोड़े की सम्भाल करने वाला समझेगा कि हम फलाने साहेब के घोड़े की सम्भाल कर रहे हैं।
- तुम भी जानते हो यह किसका रथ है।
- अगर शिवबाबा को याद कर तुम इस रथ की सेवा करो तो तुम बहुतों से अच्छा पद पा सकती हो।
- यह हुआ रथ, याद तो शिवबाबा को करना है।
- यह भी याद रहे तो बेड़ा पार हो सकता है।
- बाबा कहाँ के लिए राजयोग सिखलाते हैं?
- भविष्य नई दुनिया के लिए, और सिखाते हैं संगम पर।
- श्रीकृष्ण कैसे राजयोग सिखायेंगे?
- वह तो सतयुगी राजाई में था, परन्तु वह राजाई किसने स्थापन की? बाप ने।
- प्राचीन देवी-देवताओं को ऐसा किसने बनाया?
- किसने राजयोग सिखाया?
- वह श्रीकृष्ण का नाम लेते हैं।
- बाप कहते हैं मैं तुम बच्चों को अभी सिखला रहा हूँ।
- तुम तकदीर जगाकर आये हो, भविष्य नई दुनिया में ऊंच पद पाने के लिए।
- बाप कहते हैं मुझे याद करो तो पवित्र दुनिया का मालिक बनो और कोई उपाय नहीं।
- एक तरफ याद करते हैं पतित-पावन आओ।
- दूसरे तरफ नदियों को कहते हैं पतित-पावनी... कितनी भूल है, बात छोटी है परन्तु मनुष्यों की आंख खोलनी है।
- बाप जब आते हैं आकर समझाते हैं कि पतित-पावन मैं हूँ।
- मैं ही तुमको ज्ञान स्नान कराए पावन बनाता हूँ।
- यह पतित दुनिया है।
- संन्यासी अनेक प्रकार के योग सिखलाते हैं।
- परन्तु राजयोग तो एक ही सिखलाने वाला मैं हूँ।
- परमपिता परमात्मा को ही पतित-पावन कहते हैं।
- उनको कितना याद करना चाहिए, फिर मैनर्स भी अच्छे चाहिए। हम 16 कला सम्पूर्ण बनते हैं।
- खान-पान शुद्ध होना चाहिए।
- कोई झट धारण करते हैं।
- गाया हुआ है सेकेण्ड में जीवनमुक्ति।
- एक जनक थोड़ेही होगा।
- मिसाल एक का दिया जाता है।
- द्रोपदी एक थोड़ेही होगी, सबकी लाज़ रखते हैं।
- स्त्री पुरुष दोनों को पतित होने से बचाते हैं।
- गीता में श्रीकृष्ण का नाम लिख दिया है।
- इस समय तुम बच्चे जो कुछ भी करते हो, भक्ति में यादगार बनता है।
- शिवबाबा का कितना बड़ा मन्दिर है।
- जो सर्विस करते हैं, उनका नामाचार निकलता है।
- तुम्हारा देलवाड़ा मन्दिर एक्यूरेट यादगार है।
- नीचे तपस्या कर रहे हो ऊपर राजाई के चित्र खड़े हैं।
- अभी तुम बाप से योग लगा रहे हो, स्वर्ग का मालिक बनने के लिए।
- स्वर्ग को भी याद करते हो।
- कोई मरता है कहते हैं स्वर्ग पधारा, परन्तु स्वर्ग है कहाँ, यह किसको मालूम नहीं।
- समझते हैं भारत स्वर्ग था फिर ऊपर कह देते हैं।
- बाप समझाते हैं सेकेण्ड में जीवनमुक्ति गाई हुई है।
- फिर भी कहते हैं ज्ञान का सागर है।
- जंगल को कलम बनाओ, सागर को स्याही बनाओ.. तो भी खुटता नहीं, पिछाड़ी तक चलेगा।
- तो मेहनत की जाती है ना।
- सेकेण्ड की बात भी ठीक है।
- बाप को जाना तो बाप का वर्सा है जीवनमुक्ति।
- साथ-साथ यह समझाया जाता है तो चक्र कैसे फिरता है, धर्म कैसे स्थापन होते हैं।
- कितनी बातें हैं समझाने की।
- साथ में बाबा को याद करो, वर्से को याद करो।
- तुम याद करते हो, निश्चय भी करते हो - हम विश्व की बादशाही ले रहे हैं।
- फिर क्यों भूल जाते हो?
- बाबा कहते हैं जितना याद करेंगे, उतने विकर्म विनाश होंगे, इसमें टाइम लगता है, जब तक कर्मातीत अवस्था हो जाये।
- कर्मातीत अवस्था हो गई फिर तो तुम यहाँ रह नहीं सकते हो। बच्चों को वर्षों से समझाते रहते हैं - बात है बिल्कुल सहज।
- अल्फ और बे, चक्र का राज़ भी बाबा समझाते हैं।
- बुद्धि में पूरा राज़ आता है तो फिर औरों को भी समझाना पड़ता है।
- सारा झाड़ बुद्धि में आ जाता है।
- बाप से सहज ते सहज वर्सा लेना है।
- कहते हैं बाबा योग नहीं लगता।
- माया विकर्म करा देती है।
- बाप समझाते हैं बच्चे अगर विकर्म कर लिया फिर तो बहुत पुरुषार्थ करना पड़ेगा।
- माया देह-अभिमान में लाकर उल्टा काम करा लेती है।
- बाप कहते बच्चे मेरा बनकर कोई भी विकर्म नहीं करो।
- तुमने प्रतिज्ञा की है - मेरा तो एक शिवबाबा, दूसरा न कोई।
- जैसे कन्या की जब सगाई होती है तो पति के साथ कितना लव हो जाता है।
- तो बेहद के बाप से कितना लव होना चाहिए।
- तुम्हारा कितना गुप्त लव है।
- वह है जिस्मानी, यह है रूहानी।
- उनकी प्रैक्टिस पड़ गई है।
- यह तुम घड़ी-घड़ी भूल जाते हो क्योंकि नई बात है।
- अपने को आत्मा समझ बाप को याद करना है।
- तुम हो खुदाई खिदमतगार।
- तुम हो रूहानी सेवाधारी।
- तुम लड़ाई के मैदान में खड़े हो।
- बाबा उस्ताद भी खड़ा है।
- कहते हैं माया के साथ पूरी युद्ध करो, जो यह 5 विकार प्रवेश ही न करें।
- लिखते हैं बाबा यह भूत आ गया।
- बाबा कहते हैं इन भूतों को भगाते रहो।
- यह तो अन्त तक आयेंगे और ही ज़ोर से तूफान आयेंगे।
- अज्ञान में भी कभी नहीं आये होंगे वह भी आयेंगे।
- तुम कहेंगे वानप्रस्थ में थे, कभी ख्याल भी नहीं आता था।
- ज्ञान में आने से काम का नशा आ गया।
- स्वप्न भी आते रहते हैं, यह क्या?
- यह वन्डरफुल ज्ञान है।
- कोई मूँझकर छोड़ भी जाते हैं।
- बाबा बता देता है - तूफान बहुत आयेंगे।
- जितना पहलवान बनेंगे माया बहुत पछाड़ेगी, इसलिए महावीर बन स्थेरियम रहना है।
- बाबा की याद में रहना है।
- कर्म में नहीं आना है।
- कर्म में आने से विकर्म बन जाता है।
- बहुत पुरुषार्थ करना है, खराब आदतें निकालनी हैं।
- अविनाशी सर्जन जानते हैं, यह बाबा भी जानते हैं।
- माया के अनेक प्रकार के विघ्न पड़ते हैं।
- यहाँ बहुत शुद्ध बनना है।
- चाहते हो हम सूर्यवंशी बनें तो लायक बनना पड़े।
- यह है राजयोग, प्रजा योग नहीं है।
- तो पुरुषार्थ कर राजाई लेनी चाहिए।
- तुम युक्ति से गुप्त रीति से कहाँ भी जा सकते हो।
- बोलो - हमको बताओ हम किसको याद करें, जो हम दु:ख से छूट जायें?
- भला कहते हैं - भारत का प्राचीन योग, वह क्या है?
- आप हमको राजयोग सिखला सकते हो जो हम राजा बनें?
- ऐसी-ऐसी बातें करते ज्ञान में ले आना चाहिए।
- तुम ऐसी पहलवानी दिखाओ जो एक ही बात से उनकी बुद्धि ढीली हो जाए।
- युक्ति वाले चाहिए, तब बाबा पूछते हैं इतने सर्विसएबुल बने हो?
- बहुत सम्भाल रखनी पड़ती है।
- दुनिया इस समय बहुत गंदी है।
- यह भी एक कहानी है।
- द्रोपदी के पिछाड़ी कीचक लगे... इसलिए बाबा कहते हैं बहुत खबरदार रहना है।
- मूल बात है राजयोग की।
- किसको भी यह समझाओ कि राज-योग सिखलाया बाप ने, नाम डाला है बच्चे का।
- दूसरी यह बात सिद्ध करो कि गीता का भगवान शिव है, जिससे स्वर्ग का वर्सा मिलता है।
- समझाने की युक्ति चाहिए।
- तुम्हारी सर्विस है रूहानी।
- वह सोशल सर्विस भी जिस्मानी करते हैं।
- वह है जिस्मानी सोसायटी।
- यह है रूहानी सोसायटी।
- रूह को इन्जेक्शन लगता है तब कहते हैं ज्ञान अंजन सतगुरू दिया.... अब आत्मा की ज्योत बुझी हुई है।
- मनुष्य जब मरते हैं तो दीवा जलाते हैं।
- समझते हैं आत्मा अन्धेरे में जायेगी।
- बरोबर बेहद का अन्धियारा है।
- आधाकल्प घृत नहीं पड़ा है।
- आत्मा की ज्योति बुझ गई है।
- अब ज्ञान का घृत पड़ने से रोशनी हो जाती है।
- अब बाप बच्चों को कहते हैं कि मामेकम् याद करो।
- यह श्रीकृष्ण तो नहीं कह सकते।
- हम आत्मा भाई-भाई हैं, बाप से वर्सा ले रहे हैं।
- अच्छा हम कितना समय याद में रहते हैं - यह चार्ट रखना अच्छा है।
- प्रैक्टिस करते-करते फिर वह अवस्था पक्की हो जायेगी।
- यह युक्ति अच्छी है, सर्विस भी करते रहो।
- चार्ट भी रखो, फिर उन्नति को पाते रहेंगे।
अच्छा!
मीठे-मीठे सिकीलधे बच्चों प्रति मात-पिता बापदादा का याद-प्यार और गुडमार्निंग। रूहानी बाप की रूहानी बच्चों को नमस्ते।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) कोई भी भूत अन्दर प्रवेश न हो, इसकी सम्भाल रखनी है।
कभी भी माया के तूफानों में मूँझना नहीं है। खराब आदतें निकाल देनी है।
2) याद का चार्ट रखना है, साथ-साथ रूहानी सेवाधारी बन रूहों को ज्ञान का इन्जेक्शन लगाना है।
( All Blessings of 2021-22)
कोई भी कार्य करते सदा दिलतख्तनशीन रहने वाले बेफिक्र बादशाह भव
जो सदा बापदादा के दिलतख्तनशीन रहते हैं वे बेफिक्र बादशाह बन जाते हैं क्योंकि इस तख्त की विशेषता है कि जो तख्तनशीन होगा वह सब बातों में बेफिक्र होगा।
जैसे आजकल भी कोई-कोई स्थान को विशेष कोई न कोई नवीनता, विशेषता मिली हुई है तो दिलतख्त की विशेषता है कि फिक्र आ नहीं सकता।
यह दिलतख्त को वरदान मिला हुआ है, इसलिए कोई भी कार्य करते सदा दिलतख्तनशीन रहो।
(All Slogans of 2021-22)
- नम्बर आगे लेना है तो स्नेह और सहयोग के साथ शक्ति रूप धारण करो।
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