29-07-2022 प्रात:मुरली ओम् शान्ति "बापदादा" मधुबन


"मीठे बच्चे - तुम्हें अपने हमजिन्स का उद्धार करना है, बाप ने माताओं पर ज्ञान का कलष रखा है इसलिए माताओं पर बड़ी जवाबदारी है'' "

 

प्रश्नः-

तुम मातायें किस विशेष कर्तव्य के निमित्त हो? तुम्हारे ऊपर कौन सी रेसपान्सबिल्टी है?

उत्तर:-

तुम इस पतित दुनिया को पावन दुनिया, नर्क को स्वर्ग बनाने के निमित्त हो।

बाप ने तुम माताओं पर ज्ञान का कलष रखा है इसलिए सबको सद्गति देने की रेसपान्सिबिल्टी तुम्हारे पर है।

तुम हो शिव शक्ति सेना।

तुम्हें अब अपने हमजिन्स का कल्याण करना है।

सबको पतित बनने से बचाना है।

वेश्याओं का भी उद्धार करना है।

गीत:- रात के राही....

  • ओम् शान्ति।
  • बच्चों ने गीत की लाइन सुनी... अब चले वतन की ओर अर्थात् सुखधाम की ओर।
  • सुखधाम की स्थापना अर्थ माताओं को ही रखा गया है।
  • ज्ञान अमृत का कलष माताओं पर रखा है।
  • जैसे ओपनिंग की सेरीमनी वा स्थापना की सेरीमनी की जाती है ना।
  • तो परमपिता परमात्मा वैकुण्ठ की ओपनिंग कराते हैं माताओं द्वारा।
  • कलष माताओं पर ही रखते हैं।
  • तो अब बच्चियों को खड़ा होना है।
  • शक्ति दल है ना।
  • बच्चों पर बाप रेसपान्सिबिल्टी रखते हैं।
  • ऐसे नहीं कि इन गुरूओं पर बाप ने कोई रेसपान्सिबिल्टी रखी है कि सबको सद्गति दो।
  • अभी तुम जान गये हो कि सद्गति देना इन माताओं का काम है।
  • सद्गति होती है ज्ञान से।
  • ज्ञान का कलष माताओं को मिला है।
  • पहले-पहले दिखाते हैं - कलष रखा जगत अम्बा पर।
  • शास्त्रों में तो लक्ष्मी का नाम रख दिया है।
  • यह फ़र्क पड़ गया है।
  • कलष रखा है तुम माताओं पर।
  • काली पर कलष रखा है।
  • काली की महिमा है ना।
  • चित्र तो अनेक बना दिये हैं।
  • तो अब माताओं पर कलष रखा है क्योंकि इस समय तुम्हारी हमजिन्स माताओं की बुरी गति है।
  • तुम शिव शक्तियाँ कहलाती हो।
  • तुम हो गुप्त सेना।
  • तुम्हारी बुद्धि में उमंग उठना चाहिए।
  • तुम अपना स्वराज्य स्थापन कर रहे हो।
  • वन्दे मातरम् भी गाया हुआ है।
  • भारत खण्ड का नाम ही गाया जाता है।
  • कहते हैं भारत माता की जय अर्थात् भारत में रहने वाली माताओं की जय।
  • जो मातायें विश्व को स्वर्ग बनाती हैं, ऐसी माताओं की जय।
  • वह फिर भूल कर सिर्फ कह देते हैं भारत माता।
  • बाबा तुम माताओं का नाम बाला करते हैं।
  • स्वर्ग की ओपनिंग सेरीमनी कराते हैं।
  • तुम कहती हो शिवबाबा हम माताओं द्वारा विश्व को स्वर्ग बनाते हैं।
  • भीष्म पितामह आदि को भी तुमने ज्ञान बाण मारे हैं।
  • तो बाप कहते हैं ज्ञान बाण लगाने में डरो मत।
  • पढ़ना है, पढ़ाना है।
  • तुम सेना ही निमित्त बनी हुई हो।
  • मास्टर नॉलेजफुल हो ना।
  • सरस्वती को बड़ा बैन्जो दिया है क्योंकि वह सबसे तीखी है।
  • दुनिया तो नहीं जानती।
  • तुम जानते हो कि अब हम सांवरे से गोरे बनते हैं।
  • काली के पास जायेंगे।
  • वह तो माँ-माँ कह इतना रोते हैं जो बात मत पूछो।
  • होता तो कुछ भी नहीं है।
  • कलकत्ते में काली की बहुत महिमा है।
  • अब यह ब्रह्मा तो माँ है नहीं इसलिए कलष फिर माताओं को मिलता है।
  • तुम हो माँ की सेना हमजिन्स।
  • तुम कहते हो बाबा जैसा हूँ, वैसा हूँ, आपका हूँ।
  • यह भी कहते हैं जैसे हो वैसे हो मेरे हो, परन्तु श्रीमत पर चलना है।
  • सजनियाँ तो सब हैं।
  • सब कहेंगी हम ईश्वर के हैं।
  • अब तुमको समझानी भी दी जाती है, शिवबाबा की सब सन्तान हैं।
  • यह सिद्ध करना है।
  • सबसे पहले-पहले है शिव की महिमा, ऊंच ते ऊंच वह है उनको ही भगवान कहेंगे।
  • शिवबाबा ही वर्सा देते हैं।
  • वह है निराकार, सभी आत्माओं का बाप।
  • तो अब तुम बच्चियों को अपने हमजिन्स का उद्धार करना है।
  • माताओं पर ही सारी रेसपान्सबिल्टी है।
  • वन्दे मातरम् बाप भी कहते हैं, शिव बालक है तो वन्दे मातरम् करना पड़े ना।
  • यह तुमको करते हैं, तुम उनको करती हो।
  • वन्डर है ना।
  • यह भी ड्रामा की नूँध है।
  • तुम जानती हो शिवबाबा साक्षात्कार भी कराते हैं।
  • घर बैठे भी मोर मुकुटधारी का साक्षात्कार होता है।
  • तो मुकुट तो सबको होता है।
  • यह एक ट्रेडमार्क रख दिया है।
  • कृष्ण को इतना बड़ा मुकुट दे दिया है।
  • नहीं तो इतने बड़े मुकुट पहनते नहीं हैं।
  • बाप बैठ माताओं को एम आब्जेक्ट का साक्षात्कार कराते हैं।
  • तुम प्रिन्स की माँ बनेंगी।
  • कृष्ण की माँ तो सब नहीं बनेंगी।
  • प्रिन्स प्रिन्सेज तो बहुत हैं ना।
  • प्रिन्स की माँ अर्थात् महारानी महाराजा बनेंगे।
  • तुम्हारा कितना अच्छा एम आब्जेक्ट है।
  • तुम्हारी गोद में प्रिन्स होगा।
  • तो तुम बच्चियों पर बहुत जवाबदारी है।
  • तुम्हारा बड़ा संगठन होना चाहिए।
  • मेमोरण्डम बनाना चाहिए।
  • हम शिव शक्ति भारत मातायें हैं।
  • हमने भारत को कल्प पहले भी स्वर्ग बनाया है श्रीमत पर।
  • माताओं को बहुत होशियार होना चाहिए।
  • आजकल तुम्हारी हमजिन्स पर बहुत मार पड़ती है विष के लिए।
  • तो रड़ी मारनी चाहिए।
  • गवर्मेन्ट को कहना है - हम कल्प-कल्प भारत को पवित्रता के बल से स्वर्ग बनाते हैं, इसमें हमको यह विघ्न डालते हैं।
  • हम पवित्र रहना चाहती हैं।
  • साथ में यह पुरुष भी कहेंगे बरोबर पवित्रता अच्छी है।
  • लोग दवाइयों आदि से बच्चा पैदा होना बन्द करते हैं।
  • परन्तु इनसे तो कुछ भी नहीं होगा।
  • बाप समझाते हैं पवित्र बनो।
  • तुम माताओं के साथ मददगार गोप भी हैं।
  • बच्चियों को खड़ा होना चाहिए।
  • जलवा दिखाना चाहिए।
  • गवर्मेन्ट को कहना चाहिए कि भगवान बाप कहते हैं पवित्र बनो।
  • शिवबाबा के बच्चे तो सभी हैं, तो भाई-भाई हो गये।
  • फिर प्रजापिता ब्रह्मा की सन्तान होने से भाई-बहन ठहरे।
  • अब नई दुनिया स्थापन हो रही है।
  • शिवबाबा की सन्तान प्रजापिता ब्रह्मा के बच्चे भाई-बहन, विष की लेन-देन कर न सकें।
  • यह है युक्ति।
  • कल्प पहले भी बाप ने ऐसे ही पवित्र बनाया था।
  • हम माया रावण पर जीत पाते हैं।
  • यह रावण ही भारत का बड़ा दुश्मन है।
  • रावण से हारे हार है।
  • राम आकर इन पर जीत पहनाते हैं।
  • परन्तु अब तक कइयों का पति आदि में मोह ऐसा है जो बात मत पूछो।
  • अभी तुम माताओं को कलष मिलता है।
  • समझाना है कि हम तो स्वर्ग के द्वार खोलती हैं।
  • उन्होंने कलष लक्ष्मी को दिखाया है।
  • परन्तु लक्ष्मी तो है ही पवित्र।
  • वह ज्ञान कलष रखकर क्या करेगी।
  • ज्ञान का कलष है जगत अम्बा पर।
  • अब परमपिता परमात्मा ने फरमान निकाला है कि काम महाशत्रु है, जो इन पर जीत पाये वही श्रेष्ठाचारी बन स्वर्ग के मालिक बनेंगे।
  • तुम बच्चों का आपस में बहुत लव होना चाहिए।
  • ब्रह्माकुमार कुमारियों की जैसे सेना इकट्ठी हो।
  • कोई को तो पता भी नहीं है कौन-कौन कहाँ हैं।
  • सभी सेन्टर्स के बच्चों को तो बुला भी नहीं सकते।
  • माताओं को बन्धन बहुत है, बच्चों को भी सम्भालना है।
  • नहीं तो पुरुष रिपोर्ट कर देते हैं।
  • यूँ तो पुरुष चले जाते हैं तो घरबार कौन सम्भालता है?
  • तुमको दिखाना है - वह तो हठयोग सिखलाते हैं, हम राजयोग सिखलाते हैं इसलिए हमको सैलवेशन मिलनी चाहिए।
  • बाबा ने समझाया था कि तुम वेश्याओं को भी समझाओ कि यह गंदा धन्धा अब बन्द करो।
  • तुम स्वर्ग का द्वार बनो।
  • तुम यह काम करके दिखाओ तो तुम्हारा नाम बहुत बाला हो।
  • उन्हों का भी कल्याण करना है।
  • यह संगमयुग है ही कल्याणकारी, पवित्रता पर खूब रड़ी मारनी है।
  • इन वेश्याओं पर रहम करना है।
  • गवर्मेन्ट भी अब उन्हों को कुछ न कुछ काम में लगाती रहती है।
  • तुम ऐसा समझाओ जो अखबार में भी पड़े कि ब्रह्माकुमार-कुमारियां तो वेश्याओं को भी नॉलेज दे इस गन्दे धन्धे से छुड़ाती हैं क्योंकि काम महाशत्रु है, इनसे तुम पतित गन्दे बनते हो।
  • यह दुनिया ही भ्रष्टाचारी है ना।
  • बाप आकर माताओं को उठाते हैं।
  • गोपों का काम है मददगार बनना।
  • जो मेहनत करेगा वह ऊंच पद पायेगा।
  • अपने हमजिन्स पर रहम करना चाहिए, इनका नाम ही है वेश्यालय।
  • बाप आकर शिवालय बनाते हैं।
  • वास्तव में यह हैं ज्ञान की बातें।
  • बाप इस मनुष्य तन में आकर तुमको ज्ञान सुनाते हैं।
  • तुम जानते हो हम अब कब्रिस्तानी से परिस्तानी बन रहे हैं।
  • यह है ज्ञान मान सरोवर।
  • ज्ञान में गोता लगाते रहते हैं, बाकी पानी की बात नहीं है।
  • तीर्थों पर जाते बहुत मेहनत आदि करते हैं।
  • पैदल जाना, सामान आदि उठाना बहुत मेहनत होती है।
  • अब तुम समझ गये हो - बाबा मनुष्य तन में बैठ ज्ञान स्नान कराते हैं।
  • बाकी परियां आदि कोई नहीं हैं।
  • तुमको ज्ञान परी बनाने वाला बाबा है।
  • कितनी अच्छी-अच्छी बातें धारण करने की हैं।
  • बच्चियां खड़ी हो जाएं तो बहुत काम कर सकती हैं।
  • जाना तो तुम माताओं को है।
  • बोलो, जहाँ भी वेश्यायें हैं उन्हों का संगठन बनाओ।
  • बड़ों-बड़ों को समझाओ।
  • परन्तु ऐसे भी नहीं बाहर से कहते रहो हमारा तो एक दूसरा न कोई और अन्दर में और कोई खींचता रहे।
  • ऐसे भी काम न चल सके।
  • बाप का सच्चा बच्चा बनना है।
  • वह चेहरा खुश-मिजाज़ी का कहाँ?
  • अरे बेहद के बाप से मिलने जाते हैं तो दौड़ते-दौड़ते आकर खुशी से मिलना चाहिए।
  • हम तो जाकर बाबा की गोदी का हार बनें।
  • थक नहीं जाना है।
  • तुम्हारी याद ही दौड़ी है।
  • वह जिस्मानी दौड़ी है।
  • यह तुम्हारी रूहानी दौड़ी है।
  • चेहरा खुशी में खिल जाना चाहिए।
  • कोई का पति गुम हो जाए फिर आकर मिले तो स्त्री गलियों में दौड़ती-दौड़ती बावरी मिसल आकर मिलेगी।
  • यह फिर बेहद का पतियों का पति है।
  • उससे डरना क्या है!
  • जिससे स्वर्ग का वर्सा मिलता है उससे तो भाग-भाग कर आए मिलना चाहिए।
  • अच्छा! मीठे-मीठे सिकीलधे बच्चों प्रति मात-पिता बापदादा का याद-प्यार और गुडमार्निंग। रूहानी बाप की रूहानी बच्चों को नमस्ते।


  • धारणा के लिए मुख्य सार:-
  • 1) बाप का सच्चा बच्चा बनना है, अन्दर एक बाहर दूसरा न हो।

    याद की रूहानी दौड़ में आगे जाना है।

    खुश-मिजाज़ बनना है।

    2) आपस में बहुत-बहुत प्यार से रहना है, शिव शक्ति सेना का संगठन तैयार कर अपनी हमजिन्स को बचाना है।

    पवित्र बनने और बनाने की युक्ति रचनी है।



  • ( All Blessings of 2021-22)
  • श्रेष्ठ स्मृति द्वारा सुखमय स्थिति बनाने वाले सुख स्वरूप भव

    स्थिति का आधार स्मृति है।

    आप सिर्फ स्मृति स्वरूप बनो, तो स्मृति आने से जैसी स्मृति वैसी स्थिति स्वत: हो जायेगी।

    खुशी की स्मृति में रहो तो स्थिति भी खुशी की बन जायेगी और दु:ख की स्मृति करो तो दु:ख की स्थिति हो जायेगी।

    संसार में तो दु:ख बढ़ने ही हैं, सब अति में जाना है लेकिन आप सुख के सागर के बच्चे सदा खुश रहने वाले दु:खों से न्यारे सुख-स्वरूप हो, इसलिए क्या भी होता रहे लेकिन आप सदा मौज में रहो।



  • (All Slogans of 2021-22)
    • समय रूपी खजाने को व्यर्थ से बचाना - यही तीव्र पुरूषार्थी की निशानी है।
    • मातेश्वरी जी के अनमोल महावाक्य
    • “भारत का प्राचीन योग परमात्मा द्वारा सिखाया हुआ है'' अपना यह ईश्वरीय योग भारत में प्राचीन योग के नाम से मशहूर है। इस योग को अविनाशी योग क्यों कहते हैं? क्योंकि अविनाशी परमपिता परमात्मा द्वारा सिखाया गया है। भल योग और मनुष्य आत्मायें भी सिखाती हैं इसलिये योगाश्रम वगैरा खोलते रहते हैं परन्तु वो प्राचीन योग सिखला नहीं सकते। अगर ऐसा योग होता तो फिर वो बल कहाँ! भारत तो दिन प्रतिदिन निर्बल होता जाता है इससे सिद्ध है वह योग अविनाशी योग नहीं है, जिसके साथ योग लगाना है वह खुद ही सिखला सकता है। बाकी औरों से तो योग लगाना ही नहीं है तो फिर सिखलायेंगे कैसे? यह तो स्वयं परमात्मा ही कार्य कर सकता है, वही हमें पूरा भेद बता सकता है। बाकी तो सब तरफ कहते रहते हैं, हम योग सिखलायेंगे। यह तो हम जानते हैं कि सच्चा योग तो खुद परमात्मा ही सिखलाए सूर्यवंशी चन्द्रवंशी घराना स्थापन कर दैवी राज्य स्थापन करते हैं। अब वो प्राचीन योग भी परमात्मा आकर कल्प-कल्प हमें सिखलाता है। तू आत्मा मुझ परमात्मा के साथ निरन्तर योग लगाओ तो तेरे पाप नष्ट हो जायेंगे। अच्छा - ओम् शान्ति।