21-01-2022 प्रात:मुरली ओम् शान्ति "बापदादा" मधुबन
"मीठे बच्चे - समझदार बन हर काम करो, माया कोई भी पाप कर्म न करा दे इसकी सम्भाल करो''
प्रश्नः-
बाप का नाम बाला करने के लिए कौन सी धारणायें चाहिए? उत्तर:-
नाम बाला करने के लिए ईमानदार, वफादार बनो।
सच्चाई के साथ सेवा करो।
बहती गंगा बन सबको बाप का संदेश देते जाओ।
अपनी कर्मेन्द्रियों पर पूरा कन्ट्रोल रख, आशाओं को छोड़ कायदेसिर चलन चलो, सुस्त नहीं बनो।
ज्ञान-योग की पहले खुद में धारणा हो तब बाप का नाम बाला कर सकेंगे।
गीत:-आज के इंन्सान को...
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ओम् शान्ति।
- यह है भारत की आज की हालत।
- एक गीत में भारत की गिरी हुई हालत दिखाई है।
- दूसरे गीत में फिर भारत की महिमा भी करते हैं।
- दुनिया इन बातों को नहीं जानती।
- तुम बच्चों में भी कोई तो इन बातों को समझते हैं कि भारत ही 100 प्रतिशत समझदार था और अब 100 प्रतिशत बेसमझ है।
- 100 प्रतिशत समझदार 2500 वर्ष रहता है फिर पूरा बेसमझ बन पड़ता है।
- बेसमझ बनने में फिर पूरा आधाकल्प लगता है।
- पूरे बेसमझ को फिर एक जन्म में समझदार बनाने वाला है बाप।
- कोई बेसमझी का काम करते हैं तो दिल अन्दर खाता है, किये हुए पाप याद पड़ते हैं।
- अब तो समझकर काम करना चाहिए।
- बेसमझी से कोई भी काम न हो, बड़ी सम्भाल रखनी है।
- माया वार ऐसा करती है जो पता भी नहीं पड़ता।
- काम का भी सेमी नशा आता है।
- बच्चे लिखते हैं बाबा तूफान आते हैं।
- काम का तूफान कम नहीं है, बहुत प्रकार का नशा माथा गर्म कर देता है।
- प्यार भी देह का ऐसा होता है, जिसमें बुद्धि जाती है।
- योग पूरा न रहने से, अवस्था कच्ची होने से फिर उनका नुकसान बहुत होता है।
- बाबा के पास रिपोर्ट तो बहुत आती है।
- बड़े कड़े तूफान हैं।
- लोभ भी बहुत सताता है, जो बेकायदे चलन चलते हैं।
- जैसे वो संन्यासी लोग होते हैं, तुम भी संन्यासी हो।
- वह हैं हठयोगी, तुम हो राजयोगी।
- उनमें भी नम्बरवार होते हैं।
- कोई तो अपनी कुटिया में रहते हैं, भोजन वहाँ ही उनको पहुंचता है वा मंगा भी लेते हैं।
- विकारों का संन्यास करते हैं तो पवित्रता मनुष्यों को खींचती है।
- उनमें भी नम्बरवार होते हैं।
- इसमें भी ज्ञान-योग बल की ताकत चाहिए।
- जितना योग में रहेंगे तो इन सब बातों की परवाह नहीं रहेगी।
- योग है तन्दरुस्ती की निशानी।
- भल पुराने विकर्मों की भोगना तो भोगनी पड़ती है फिर भी योग पर आधार रहता है।
- ऐसे नहीं फलानी चीज़ चाहिए .... संन्यासी लोग मांगते नहीं हैं।
- योग का बल रहता है।
- तत्व योगी में ताकत है।
- नांगे फकीर जो होते हैं वह तो दवाईयों से काम लेते हैं।
- तुम्हारा सारा मदार योग पर है।
- तुम्हारा योग बाप से है, तो इससे पद भी भारी मिलता है।
- तुम्हारे देवी-देवता धर्म में बहुत सुख है।
- उसके लिए तुमको श्रीमत मिलती है।
- उनको कोई ईश्वरीय मत नहीं मिलती।
- तुमको ईश्वर आकर मत देते हैं।
- कितना भारी वर्सा मिलता है, 21 जन्मों के लिए प्राप्ति है।
- परमपिता परमात्मा आकर पढ़ाते हैं।
- परन्तु बच्चे बाप को भी भूल जाते हैं।
- योग पूरा लगाते रहें तो यह लोभ, मोह आदि विकार सतायें नहीं।
- बहुतों को सताते हैं - यह चाहिए, यह चाहिए।
- पक्के संन्यासियों में यह नहीं होता है।
- एक खिड़की से जो मिला वह लिया।
- जिनका कर्मेन्द्रियों पर पूरा कन्ट्रोल रहता है वह फिर दूसरी चीज़ कभी नहीं लेंगे।
- कोई तो ले लेते हैं।
- यहाँ भी ऐसे हैं।
- वास्तव में ईश्वर के भण्डारे से जो कुछ कायदेसिर मिले उस पर चलना ठीक है।
- मनुष्यों को आश बहुत उठती है।
- आश पूरी न होने से सुस्त बन जाते हैं।
- यहाँ सबको ईमानदार, वफादार बनना है।
- सब आशायें मिटा देनी हैं।
- तुम बच्चों को बहुत श्रेष्ठाचारी बनना है।
- बाप तो हर रीति से पुरुषार्थ कराते हैं कि बच्चे नाम बाला करें।
- एक तो योग में रहना है और ज्ञान धारण कर औरों को कराना है।
- गंगाओं को बहना है, समझाना है सच्चा योग किसको कहा जाता है।
- भगवान है सबका बाप, कृष्ण तो गॉड फादर है नहीं।
- अब बाप कहते हैं मुझे याद करो तो मैं शान्ति और सुख का वर्सा दूंगा।
- कितनी सहज बात है।
- किसको तीर नहीं लगता क्योंकि कुछ न कुछ खामियां हैं।
- सर्विस तो अथाह है।
- मनुष्यों को शमशान में फुर्सत रहती है।
- बच्चे समझदार हों, सर्विस का शौक हो, कोई विकार न हो तो जाकर समझा सकते हैं।
- तुम्हें समझाना है कि एक बाप को याद करो, जिससे ही फल अर्थात् वर्सा मिल सकता है।
- संन्यासी, हठयोगी, गुरू आदि क्या देते हैं।
- जो भी शिक्षा आदि देंगे अल्पकाल सुख की।
- बाकी तो सब दु:ख ही देते हैं और यह बाप तो सदा सुख का रास्ता बताते हैं।
- अब बाप कहते हैं - मुझे याद करो।
- विनाश सामने खड़ा है, मुझे याद करेंगे तो स्वर्ग का मालिक बनेंगे।
- पवित्र तो रहना है।
- निमन्त्रण तो देना होता है।
- दिन-प्रतिदिन प्वाइंट्स सहज कर दी जाती हैं।
- बड़े-बड़े शहरों में शमशान में बहुत आते हैं।
- शमशान में सर्विस बहुत हो सकती है।
- बच्चे कहते हैं हमको फुर्सत नहीं, अच्छा छुट्टी लेकर जाओ।
- सर्विस में बहुत फायदा है।
- विनाश तो होना ही है।
- अर्थक्वेक आदि होंगे, सभी डैम्स आदि फट पड़ेंगे।
- आफतें तो बहुत आने वाली हैं।
- जिनको ज्ञान होगा वह तो डांस करते रहेंगे।
- जो सर्विसएबुल बच्चे हैं वो ही पिछाड़ी में हनूमान मिसल स्थेरियम रह सकेंगे।
- कोई तो ऐसे भी हैं जो बाम की आवाज से ही मर जायेंगे।
- हनूमान एक का मिसाल है, परन्तु 108 तो ऐसे ताकतवान होंगे ना।
- वह ताकत आयेगी सर्विस से।
- बाप कहते हैं बच्चे सर्विस कर ऊंच पद पाओ, बाद में पछताना न पड़े इसलिए पहले से ही बताते हैं कि ऊंच पद ले लो।
- किसको भी समझाना बहुत सहज है।
- मन्दिरों में भी तुम जाकर समझा सकते हो।
- इन्हों को यह राज्य किसने दिया?
- झट कहेंगे भगवान ने दिया।
- मनुष्यों से पूछो तुमको यह धन किसने दिया तो फट से कहेंगे भगवान ने।
- लक्ष्मी-नारायण को भगवान ने यह धन कैसे दिया - यह भी समझाना है।
- बाप को जानने से तुम भी वह पद पा सकते हो।
- चलो तो समझायें या तो फलानी एड्रेस पर आकर समझो।
- यहाँ कोई पैसा आदि नहीं रखना है।
- तुम बच्चों की बुद्धि में सब राज़ हैं।
- लक्ष्मी-नारायण, सीता-राम उन्हों को यह राज्य किसने दिया?
- जरूर भगवान से मिला।
- सूर्यवंशी चन्द्रवंशी राजधानी स्थापन हो रही है।
- तुमने साक्षात्कार भी किया है - कैसे लक्ष्मी-नारायण फिर राम सीता को राज्य देते हैं।
- लक्ष्मी-नारायण फिर भगवान से पाते हैं, समझा तो सकते हैं ना।
- बातें बड़ी सहज और मीठी हैं।
- बोलो, ऊंचे ते ऊंचा तो बाप है ना।
- उस परमपिता परमात्मा को जानते हो?
- बाबा कहते हैं मामेकम् याद करो।
- कृष्ण को बाबा तो नहीं कहेंगे।
- कृष्ण ने आगे जन्म में इस राजयोग से यह पद पाया है।
- ऐसी-ऐसी प्वाइंट्स नोट करनी हैं, जो फिर भूल न जायें।
- मनुष्यों को कोई बात याद करनी होती है तो गांठ बांध लेते हैं।
- तुम भी सिर्फ दो बातों की गांठ बांध लो।
- किसको सिर्फ यह दो बातें सुनाते रहो कि बाप कहते हैं; मनमनाभव, मध्याजीभव।
- प्रदर्शनी से भी बहुत सर्विस कर सकते हो कि बाप ने हमको कहा है सबको पैगाम दो - सर्व धर्मानि... तुम अकेली आत्मा थे।
- अब मुझ बाप को याद करो तो विकर्म विनाश होंगे और तुम मेरे पास आ जायेंगे।
- यह अन्तिम जन्म पवित्र बनना है।
- अमरलोक चलना है तो मेरे को याद करो।
- बस यही समझाने का धन्धा करो।
- आधाकल्प भक्ति का धक्का खाया है।
- इस जन्म में यह सन्देश सबको देना है।
- ढिंढोरा भी पीट सकते हैं बाबा क्या कहते हैं।
- बाबा का मैसेज देना है।
- बाप कहते हैं मुझे याद करो, ज्यादा कुछ समझना हो तो आकर समझो।
- तुम बहुत सर्विस कर सकते हो।
- खर्चा सब कुछ मिल सकता है।
- रोटी तो अपने हाथ से भी बना सकते हो।
- सर्विस कर सकते हो।
- सर्विस का बहुत स्कोप है।
- परन्तु तकदीर में नहीं है तो क्या कर सकते हैं।
- आसामी भी देखी जाती है।
- बाबा कहते हैं अच्छा - हम तुमको किटबैग बनाकर देते हैं, थोड़ा ही राज़ किसको समझाना।
- बाबा आये हैं भक्ति का फल देने, कहते हैं बच्चे अब अशरीरी बन वापिस चलना है इसलिए मेरे को याद करो तो तुम्हारी कर्मातीत अवस्था हो जायेगी।
- बाबा गैरन्टी करते हैं तुम स्वर्ग के मालिक बनेंगे।
- बहुतों को पैगाम मिल जाए।
- अपने-अपने गांव में भी सर्विस कर सकते हो अथवा बाहर जाकर करो, खर्चा तो मिल ही जायेगा।
- कोई सर्विस करके दिखावे।
- भल धन्धे पर रहो तो भी सर्विस बहुत हो सकती है।
- 8 घण्टा धन्धा करो, 8 घण्टा आराम करो तो भी टाइम बहुत है।
- एक घण्टा कोई सच्चाई से सेवा करे तो भी बहुत अच्छा पद पा सकते हैं।
- चारों तरफ चक्कर लगाते रहें, परन्तु इसमें निर्भयता भी चाहिए।
- पहले उनको बताना है कि मैं कोई बेगर नहीं हूँ।
- मैं तो आपको ईश्वर का रास्ता बताने आया हूँ।
- हमको हुक्म मिला है - एक मिनट का महामन्त्र देकर जाऊंगा।
- यह है संजीवनी बूटी।
- हम बाबा का पैगाम देने आये हैं।
- बाप कहते हैं मामेकम् याद करो।
- सर्विस तो बहुत है परन्तु खुद ही कोई देह-अभिमानी होगा तो किसको तीर लगेगा नहीं।
- बाप के साथ सच्चा रहना चाहिए।
- ऐसे नहीं मित्र-सम्बन्धियों को याद करते रहें।
- यह चाहिए, वह चाहिए... तुमको मांगना कुछ भी नहीं है।
- तुम कोई से कुछ ले नहीं सकते हो।
- किसके हाथ का खा नहीं सकते हो।
- हम अपने हाथ से बनाकर खाते हैं।
- अपने हाथ का बनाकर खाने से ताकत बहुत आयेगी।
- परन्तु इतनी मेहनत कोई करते नहीं हैं।
- माया बड़ी बलवान है।
- देह-अभिमान की बीमारी बड़ी मुश्किल जाती है।
- बड़ी मेहनत है।
- योग में रह नहीं सकते हैं तो बनाना ही छोड़ देते हैं।
- अच्छा योग में रहकर खा सकते हो।
- देही-अभिमानी अवस्था जमाने के लिए बड़ी मेहनत चाहिए।
- बड़े-बड़े सतसंगों में एक ही बात जाकर समझाओ - भगवानुवाच, मामेकम् याद करो तो फिर स्वर्ग में आ जायेंगे।
- भारत स्वर्ग था ना।
- बड़ी मेहनत है - विश्व का मालिक बनना, ऊंच पद है!
- प्रजा में आना कोई बड़ी बात नहीं है।
अच्छा!
मीठे-मीठे सिकीलधे बच्चों प्रति मात-पिता बापदादा का याद-प्यार और गुडमार्निंग। रूहानी बाप की रूहानी बच्चों को नमस्ते।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) कोई भी काम बेसमझी से न हो, इसके लिए ज्ञान योग का बल जमा करना है। समय निकाल सच्चाई से, निर्भय हो सर्विस जरूर करनी है। सर्विस से ही ताकत आयेगी।
2) देह-अभिमान की बीमारी से बचने के लिए भोजन बहुत योगयुक्त होकर खाना है। हो सके तो अपने हाथ से बनाकर शुद्ध भोजन स्वीकार करना है।
वरदान:-
( All Blessings of 2021-22)
सर्व आत्माओं के अशुभ भाव और भावना का परिवर्तन करने वाले विश्व परिवर्तक भव
जैसे गुलाब का पुष्प बदबू की खाद से खुशबू धारण कर खुशबूदार गुलाब बन जाता है।
ऐसे आप विश्व परिवर्तक श्रेष्ठ आत्मायें अशुभ, व्यर्थ, साधारण भावना और भाव को श्रेष्ठता में, अशुभ भाव आर भावना को शुभ भाव और भावना में परिवर्तन करो, तब ब्रह्मा बाप समान अव्यक्त फरिश्ता बनने के लक्षण सहज और स्वत: आयेंगे।
इसी से माला का दाना, दाने के समीप आयेगा।
स्लोगन:-
(All Slogans of 2021-22)
अनुभवी स्वरूप बनो तो चेहरे से खुशनसीबी की झलक दिखाई देगी।
- लवलीन स्थिति का अनुभव करो
- जिससे प्यार होता है, बापदादा का बच्चों से इतना प्यार है जो समझते हैं हर एक बच्चा मेरे से भी आगे हो। दुनिया में भी जिससे ज्यादा प्यार होता है उसे अपने से भी आगे बढ़ाते हैं। यही प्यार की निशानी है। तो बापदादा भी कहते हैं मेरे बच्चों में अब कोई भी कमी नहीं रहे, सब सम्पूर्ण, सम्पन्न और समान बन जायें।
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