03-12-2021 प्रात:मुरली ओम् शान्ति "बापदादा" मधुबन

"मीठे बच्चे - सवेरे-सवेरे उठकर शिवबाबा से गुडमार्निंग जरूर करो, उठते ही शिवबाबा की याद आये, किसी देहधारी की नहीं''

प्रश्नः-

कौन सा कान्ट्रैक्ट (ठेका) एक बाप के सिवाए दूसरा कोई नहीं उठा सकता है?

उत्तर:-

पावन दुनिया बनाने का कान्ट्रैक्ट एक बाप का है।

यह कान्ट्रैक्ट दूसरा कोई उठा नहीं सकता।

संन्यासी पावन बनकर इस दुनिया को थमाते अवश्य हैं लेकिन वह पावन दुनिया बनाने का कान्ट्रैक्ट नहीं उठाते।

बाप बच्चों को पावन बनने की युक्ति बताते हैं।

बच्चे धंधाधोरी करते एक बाप को याद करो।

एक बाप से बुद्धियोग लगाओ।

 

गीत:- यह कौन आज आया सवेरे-सवेरे...


  • ओम् शान्ति।
  • रूहानी बच्चों प्रति बाप बैठ समझाते हैं।
  • अगर शिव भगवानुवाच कहें तो भी शिव नाम के मनुष्य बहुत हैं इसलिए यह कहना पड़े कि रूहानी बाप रूहानी बच्चों प्रति पहले-पहले याद-प्यार दे रहे हैं।
    • प्रात: को पहले-पहले गुडमार्निंग किया जाता है।
    • तुमने भी गुडमार्निंग सुना।
    • सवेरे-सवेरे कौन आकर गुडमार्निंग करते हैं।
    • बाप आते ही हैं सवेरे।
    • यह है बेहद का सवेरा और रात, जिसको कोई मनुष्य मात्र नहीं जानते।
    • बच्चों में भी नम्बरवार पुरुषार्थ अनुसार जानते हैं।
    • भल बच्चे बने हैं परन्तु सवेरे उठकरके बाप को याद नहीं करते।
    • सवेरे उठकरके पहले-पहले शिवबाबा से गुडमार्निंग करें अर्थात् याद करें तो बहुत खुशी भी रहे, परन्तु बहुत बच्चे हैं जो सवेरे उठकर बाबा को बिल्कुल याद नहीं करते।
    • भक्ति मार्ग में भी मनुष्य सवेरे उठकर भक्ति करते, पूजा करते, माला फेरते, मन्त्र जपते।
      • वह साकार की भक्ति करते हैं।
        • मूर्ति सामने आ जाती है।
        • शिव का जो पुजारी होगा उनको भी जो बड़ा शिवलिंग बनाते हैं वह मूर्ति याद आ जायेगी।
        • वह है रांग।
    • अब तो तुम बच्चों को अपने को आत्मा निश्चय करना है और सवेरे उठकर बाबा से बातें करनी हैं।
    • बाबा गुड-मार्निंग, परन्तु बाबा जानते हैं - यह टेव (आदत) किसको भी नहीं पड़ी हुई है।
  • बाप कहते हैं - बच्चे तुम्हारे सिर पर आधाकल्प का बोझा है, वह उतरता ही नहीं है क्योंकि याद नहीं करते।
    • कोई-कोई के तो और ही पाप बढ़ते जाते हैं।
    • जैसे चूहा फूँक देता और काटता भी है।
    • माया भी चूहे मिसल काटती रहती है।
    • सिर के बाल काट देती है, पता भी नहीं पड़ता।
    • भल कोई अपने को ज्ञानी समझते हैं परन्तु बाबा अच्छी रीति जानते हैं कि याद में बिल्कुल कच्चे हैं।
  • अपनी दिल से पूछना है कि हम सवेरे उठकर बाप को याद करते हैं।
    • बेहद का बाप तुमको बेहद के सवेरे में आकर मिला है।
    • संन्यासी भी उठकर ब्रह्म को याद करेंगे।
    • मनुष्य उठते ही मित्र-सम्बन्धी, दोस्तों आदि को याद करेंगे।
    • कोई भगत होगा तो अपने देवताओं को याद करेंगे।
    • पाप आत्मायें, पाप आत्माओं से गुडमार्निंग करेंगी अथवा याद करेंगी।
    • याद करना होता है सवेरे।
  • भक्ति भी सवेरे में करते हैं, परन्तु भगवान की भक्ति कोई भी करते नहीं क्योंकि भगवान को जानते ही नहीं।
    • भल कहते हैं कि भक्ति का फल देने वाला भगवान है।
    • ओ गाड फादर भी कहते हैं।
    • यह आत्मा कहती है परन्तु परमात्मा को कोई भी यथार्थ नहीं जानते।
    • जब भगवान खुद आकर अपना परिचय दे तब यह जान सकें।
    • नहीं तो सब नेती-नेती कहते हैं अर्थात् हम नहीं जानते।
    • तो परमात्मा इस समय ही आकर बतलाते हैं - मैं कौन हूँ?
    • परन्तु बच्चों में भी बहुत हैं, बड़े-बड़े महारथी सेन्टर सम्भालने वाले बाप को पूरा नहीं जानते।
    • उस लव से बाप को याद नहीं करते।
    • सवेरे उठकरके प्यार से गुडमार्निंग करना, ज्ञान के चिंतन में रहना, यह भी नहीं करते।
    • याद करें तो खुशी का पारा चढ़े, परन्तु माया चढ़ने नहीं देती।
  • अगर बाप से कहाँ बेअदबी की तो माया एकदम बुद्धियोग तोड़ डालती है।
    • फिर वाह्यात, फालतू बातों में बुद्धि लगी रहती है।
    • स्वर्ग का मालिक बनना कोई मासी का घर थोड़ेही है।
    • प्रजा बनना तो सहज है।
    • तुम आगे चलकर देखेंगे - 30-40 वर्ष वाले भी टूट पड़ेंगे।
    • माया एकदम उड़ा देगी।
    • राजाई पद पा नहीं सकेंगे।
    • पहले से ही मर जायेंगे तो फिर राजाई कहाँ से मिलेगी।
    • यह राज़ बाबा खोलते नहीं हैं।
    • माया भी देखती है मैं आधाकल्प राज्य करने वाली, यह मेरे ऊपर जीत पाते हैं।
      • फिर
  • शिवबाबा को एकदम भूल जाते हैं।
    • कहाँ-कहाँ इनके (ब्रह्मा बाबा के) भी नाम-रूप में फँस पड़ते हैं।
    • शिवबाबा को याद नहीं करते।
    • जिनमें क्रोध, लोभ, मोह का भूत होगा वह क्या बाबा को याद करेंगे।
    • नाम-रूप में इतना फँसते हैं बात मत पूछो।
    • देह-अभिमान में लटक पड़ते हैं।
    • शिवबाबा कहते हैं घर गृहस्थ में रहकर माशूक को याद करते रहो, तब कर्मातीत अवस्था बने।
    • मूल बात है याद की, इसी में मेहनत है।
    • याद बिगर सतोप्रधान बन नहीं सकते, न ऊंच पद पा सकेंगे।
    • बुद्धियोग और तरफ भटकता रहेगा।
    • कोई बच्चे तो बहुत दिल व जान, सिक व प्रेम से बाप को याद करते हैं।
  • बाबा से गुडमार्निंग करके कहना चाहिए बाबा हम आपकी याद में रहते हैं क्योंकि सिर पर पापों का बोझा बहुत है।
    • अगर बाबा की याद में नहीं रहेंगे तो पापों का बोझा कैसे उतरेगा।
  • आधाकल्प देह-अभिमान रहा है तो जाता नहीं।
    • देवतायें वहाँ आत्माभिमानी रहते हैं।
    • भल परमात्मा को नहीं जानते।
    • यह तो समझते हैं हम आत्मा एक शरीर छोड़ दूसरा लेते हैं।
    • रचयिता को अगर जानें तो रचना, बाप की जायदाद को भी जानें।
    • वहाँ यह नॉलेज रहती नहीं।
  • बाप कहते हैं यह नॉलेज मैं तुमको देता हूँ।
    • फिर यह ज्ञान प्राय:लोप हो जाता है।
    • यह ज्ञान फिर परम्परा चलने का नहीं है।
    • न आत्मा को, न परमात्मा को जानते हैं।
  • अभी तुम जानते हो सब आत्माओं को कैसे अपना-अपना पार्ट मिला हुआ है।
    • अच्छे ते अच्छे पार्टधारी तुम हो।
    • इस समय तुम इस विश्व को अपनी बादशाही बनाते हो।
    • हीरो एण्ड हीरोइन पार्ट तुम्हारा है।
  • मूल बात है बाप को याद करने की।
    • बाबा जानते हैं प्रदर्शनी में बहुत हैं जो सर्विस अच्छी करते हैं, परन्तु याद में बहुत कमजोर हैं।
    • अक्ल नहीं है कि कैसे सवेरे उठकर बाबा से गुडमार्निंग करनी चाहिए।
    • भल टॉपिक्स पर ख्यालात चलाते हैं।
    • वह तो कॉमन है।
    • टॉपिक्स तो रोज़-रोज़ नई निकाल समझा सकते हैं, परन्तु मुख्य बात है बाप को लव से याद करना, तो पाप कट जाएं।
    • बाबा जानते हैं बच्चों की ऐसी अवस्था अभी नहीं है।
    • बाबा नाम नहीं सुनाते हैं।
    • अगर बाबा नाम सुनावें तो जो पैसे की अवस्था है सो गिरकर पाई की बन जाये।
  • इस ज्ञान में समझ चाहिए।
    • ऐसे नहीं कोई कहे कि तुम पीला दिखाई पड़ते हो, बीमार हो, तो यह सुनने से ही बुखार चढ़ जाए।
    • ऐसा कच्चा नहीं बनना है।
    • हिम्मत चाहिए।
    • सर्विसएबुल बच्चे थोड़ेही टूट सकते हैं।
    • वह तो फखुर में रहते हैं।
  • धन्धाधोरी करते बाबा की याद रखनी है।
    • बाबा से गुडमार्निंग करते रहना चाहिए।
    • बड़ी भारी मंजिल है।
    • राजाई पद पाना है तो मेहनत भी करनी है।
  • जो कल्प पहले बने हैं उन्हों को आगे चलकर मालूम पड़ता जायेगा।
    • छिपा कोई नहीं रहेगा।
    • स्कूल में टीचर स्टूडेन्ट को जानते हैं और रजिस्टर भी रखते हैं।
    • उनसे भी पता पड़ जाता है।
    • उसमें मुख्य सब्जेक्ट होती है भाषा की।
  • यहाँ मुख्य सब्जेक्ट है याद की।
    • नॉलेज तो सहज है।
    • बच्चे भी समझा सकते हैं।
    • छोटेपन में बुद्धि तीखी होती है - धारणा करने की।
    • बुढ़िया इतना नहीं समझा सकती हैं।
  • यहाँ भी कुमारियों का बाबा जास्ती मान रखता है।
    • सिर्फ नाम-रूप में फँस उल्टा लटक कहाँ उल्लू न बन जायें।
    • इस समय सब मनुष्य उल्लू मिसल उल्टे लटके हुए हैं।
    • फिर सुल्टा होने से अल्लाह के बच्चे बन जायेंगे।
  • परमात्मा को सर्वव्यापी कहने से ही सब मनुष्य परमात्मा से बेमुख हो पड़े हैं।
    • संन्यासी खुद अपनी पूजा कराते हैं।
    • नहीं तो कहना चाहिए कि तुम हमारे ऊपर फूल क्यों चढ़ाते हो।
    • सब संन्यासियों को गुरू बनाते हैं।
    • वह संन्यासी, वो गृहस्थी फिर फालोअर्स कैसे हो सकते।
    • जब संन्यासी बनें तब फालोअर्स कह सकें।
    • फिर उन्हों को कोई समझा भी नहीं सकता कि तुम अपने को फालोअर कह नहीं सकते।
    • बाबा किसको कह न सके कि तुम फालोअर हो।
  • जब गैरन्टी करें पावन बनने की, तब है बात।
    • जब प्रतिज्ञा करते हैं तो खुद लिखकर भेज देते हैं परन्तु जब गिरते हैं, काला मुँह करते हैं तो नहीं लिखते, क्योंकि लज्जा आती है।
    • यह बड़ी भारी चोट है, फिर बाबा से बुद्धियोग लग न सके।
    • पतित से तो हम ऩफरत करते हैं।
    • बाबा कहते हैं विष खाने वाले बहुत खराब हैं।
    • पवित्र बनना अच्छा है ना।
  • मैं आकर पवित्र बनाने का कान्ट्रैक्ट उठाता हूँ - कि हम पवित्र दुनिया बनाकर ही दिखायेंगे।
    • कल्प-कल्प मुझ कान्ट्रैक्टर को ही बुलाते हैं कि हे पतित-पावन आओ।
    • दूसरा कोई ऐसा कान्ट्रैक्टर होता नहीं।
    • एक मुझे ही कान्ट्रैक्ट मिला हुआ है, मैं ही पावन दुनिया बनाऊंगा।
    • कल्प-कल्प मैं आकर यह कान्ट्रैक्ट पूरा करता हूँ।
    • संन्यासियों को फिर यह कान्ट्रैक्ट मिला हुआ है कि पवित्र रह भारत को थमाना है क्योंकि सबसे पवित्र भारत ही था, जिसको स्वर्ग कहते हैं।
  • वहाँ देवतायें सर्वगुण सम्पन्न, सम्पूर्ण निर्विकारी थे।
    • उनकी महिमा गाते हैं।
    • यह गायन और देशों में नहीं है।
    • वहाँ चित्र तो हैं नहीं।
    • यह स्वर्ग के मालिक थे।
  • लक्ष्मी-नारायण को गॉड-गॉडेज कहते हैं।
    • बहुत प्रेम से पुराने चित्रों को खरीद करते हैं।
    • लार्ड कृष्णा का चित्र मांगते हैं।
    • सबसे जास्ती लॉर्ड कृष्णा को पसन्द करते हैं।
  • तुम बच्चों को यह फुरना रखना है कि हमें सतोप्रधान बनना है।
    • माया फथकाती (तड़फाती) तो बहुत है।
    • एक-दम नाम-रूप में फँस पड़ते हैं।
    • शिवबाबा को याद ही नहीं करते।
    • बाबा बार-बार समझाते हैं हमेशा यह समझो कि यह शिवबाबा हमको समझा रहे हैं।
    • यह ब्रह्मा कुछ नहीं बोलता।
    • फिर भी शिवबाबा को भूल कर नाम-रूप को याद करते रहते हैं।
    • वह फिर क्या पद पायेंगे!
  • पहले तो श्रीमत पर चलना है।
    • शिवबाबा कहते हैं भूतों को भगाओ।
    • देह-अभिमान को भगाओ।
    • हम आत्मा हैं और बहुत मीठा बनना है।
    • बाबा कहते हैं - देह सहित देह के सभी सम्बन्धों को भूलते जाओ।
    • मुझे याद करो।
    • हथ कार डे दिल यार डे.. मैं पुराना माशूक हूँ।
    • ऐसे कोई और को समझाने आयेगा ही नहीं।
  • बाप ही इस समय तुमको आकर रूहानी आशिक बनाते हैं।
    • अब तुम्हारी आत्मा जानती है कि हमारा माशूक शिवबाबा है।
    • उनसे स्वर्ग का वर्सा पाना है।
    • ऐसे शिवबाबा को सवेरे-सवेरे उठकर गुडमार्निंग करो, याद करो।
    • जितना याद करेंगे उतना पाप कटते जायेंगे।
    • देह-अभिमान टूटता जायेगा।
    • ऐसा अभ्यास करते-करते वह अवस्था जम जायेगी।
  • याद में बैठे होंगे, ग्राहक आयेगा उस तरफ ख्याल नहीं जायेगा।
    • फिर उनको भी बतायेंगे हम याद में बैठे थे।
    • बड़ा मज़ा आ रहा है।
    • ग्राहक को सौदा दिया फिर बाबा की याद में।
    • तुमको कर्मातीत बनने का पुरुषार्थ करना है।
  • बाबा बहुत युक्तियां बतलाते हैं।
    • इनके (ब्रह्मा के) लिए कहते हैं - इनके ऊपर तो बहुत मामले हैं।
    • तुमको फुर्सत जास्ती मिलती है - याद करने की।
    • बाबा मिसाल बताते हैं - भोजन पर शिवबाबा को याद करके बैठते हैं कि हम दोनों इकट्ठे खाते हैं फिर भूल जाता हूँ।
    • सबसे जास्ती झंझट इस बाप के ऊपर रहते हैं।
    • तुम्हारा बाप के साथ बहुत लव रहना चाहिए।
    • रात्रि 12 बजे के बाद ए.एम. शुरू होता है।
    • रात्रि को जल्दी सो जाओ - फिर जल्दी उठकर याद करो।
    • उठने से ही कहो -“बाबा गुडमार्निंग''।
    • और कोई तरफ बुद्धि न जाये बाबा तो हर एक बच्चे को जानते हैं।
    • तुम्हारी भविष्य के लिए बड़ी भारी कमाई है।
    • कल्प-कल्पान्तर यह कमाई काम में आयेगी।
  • कोई भी भूत नहीं आना चाहिए।
    • क्रोध भी कम नहीं है, मोह भी खराब है।
    • जितना हो सके बाबा की याद में बैठ पावन बनना है।
    • जैसे बाबा ज्ञान का सागर है, बच्चों को भी बनना है परन्तु सागर तो एक होता है ना।
    • बाकी सब नदियां कहेंगे।
    • क्रोध है सेकेण्ड नम्बर दुश्मन।
    • बड़ा नुकसान कर देते हैं।
    • एक दो का जी जलाते हैं।
    • लोभी भी एक दो का जी जलाते हैं।
    • मोह का भूत तो सत्यानाश कर देते हैं।
    • मोह के कारण शिवबाबा की याद भूल अपने बच्चों को याद करते रहेंगे।
    • नष्टोमोहा वाले अडोल अवस्था में रहते हैं।
  • अच्छा! मीठे-मीठे सिकीलधे बच्चों प्रति मात-पिता बापदादा का नम्बरवार पुरुषार्थ अनुसार याद-प्यार और गुडमार्निंग। रूहानी बाप की रूहानी बच्चों को नमस्ते।
  • धारणा के लिए मुख्य सार:-
  • 1) अच्छी सर्विस करने के साथ-साथ दिल व जान से बाप को याद करना है।
    • सवेरे उठते ही प्यार से कहना है -“बाबा गुडमार्निंग''।
    • कर्म करते भी याद का अभ्यास करना है।
  • 2) किसी देहधारी के नाम-रूप में नहीं अटकना है।
    • ज्ञान के चिंतन में रहना है।
    • व्यर्थ बातें नहीं करनी है।
  • वरदान:-
  • ( All Blessings of 2021)
  • तड़फती हुई भिखारी, प्यासी आत्माओं की प्यास बुझाने वाले सर्व खजाने से सम्पन्न भव
  • जैसे लहरों में लहराती व डूबती हुई आत्मा एक तिनके का सहारा ढूंढती है।
  • ऐसे दु:ख की एक लहर आने दो फिर देखना अनेक सुख-शान्ति की भिखारी आत्मायें तड़फते हुए आपके सामने आयेंगी।
  • ऐसी प्यासी आत्माओं की प्यास बुझाने के लिए अपने को अतीन्द्रिय सुख वा सर्व शक्तियों से, सर्व खजानों से भरपूर करो।
  • सर्व खजाने इतने जमा हो जो अपनी स्थिति भी कायम रहे और अन्य आत्माओं को भी सम्पन्न बना सको।
  • स्लोगन:-
  • (All Slogans of 2021)
  • कल्याण की भावना रख शिक्षा दो तो शिक्षायें दिल से लगेंगी।